Budget session of Parliament bill against paper leak: देश के कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं चिंता बढ़ाने वाली रही हैं। इसे लेकर काफी राजनीति भी होती रही है। कड़े कानून की मांग होती है। कई राज्यों में तो इसके खिलाफ कानून बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ कोई कानून नहीं है। कई राज्यों में तो पेपर लीक होने की वजह से परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं और दोबारा एग्जाम कराने पड़े हैं। पेपर लीक की वजह से राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और बिहार की भर्ती परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं। इससे कई छात्रों की मेहनत खराब होती है। दोबारा परीक्षा कराने पर खर्चे और कई दिक्कतें होती हैं। केंद्र सरकार इसके लिए लोकसभा में बिल लाने जा रही है।
संसद के बजट सत्र में कल यानी सोमवार को पेपर लीक के खिलाफ बिल पेश किया जाएगा। इस विधेयक में दोषी पाए जाने वालों के लिए दंड का प्रस्ताव है। पेपर लीक के दोषियों को 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक जेल की सजा हो सकती है। वहीं एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की भी बात कही जा रही है। पेपर लीक से बसे ज्यादा नुकसान उन छात्रों को होता है जिन्होंने पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी की थी।
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गड़बड़ी पर रोक लगाना मकसद
सरकार अब इसके लिए कानून लाने जा रही है। इसमें सरकारी नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाएं और केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में होने वाला एंट्रेंस टेस्ट भी कवर होगा। पेपर लीक कराने, नकल कराने, किसी अन्य की जगह परीक्षा देने पर रोक लगाना इस बिल को लाने का मकसद है। परीक्षा देने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए भी इसमें प्रावधान हो सकता है।
क्या कहा था राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने
संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करती हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस समस्या का जिक्र किया था। बजट सत्र की शुरुआत में संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि सरकार परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। इसलिए इस तरह की गड़बड़ियों से सख्ती से निपटने के लिए एक नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।
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