दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को विपक्षी दलों की ओर से आयोजित ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली अब सियासी विवाद का नया केंद्र बन गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के मंच से दिए बयानों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्ष देश की चुनाव प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और यह लोकतंत्र के खिलाफ है.
चुनाव आयुक्तों को दी धमकी?
संबित पात्रा ने कहा, ‘जिस तरह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’ के जरिये चुनाव आयोग पर जहर उगला, वह बेहद गैरजिम्मेदाराना है. उन्होंने चुनाव आयुक्तों के नाम लेकर खुलेआम धमकी दी कि वे उन्हें नहीं छोड़ेंगे. यह न सिर्फ संस्थानों का अपमान है बल्कि चुनाव प्रणाली को कमजोर करने की कुटिल चाल है.’
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बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में चुनावी सुधारों पर बहस के दौरान देश के सामने सच्चाई रखी है. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ने पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली के लिए जो काम किया है, वह कांग्रेस को रास नहीं आ रहा. संबित ने कहा, ‘कांग्रेस ने हमेशा देश की संवैधानिक संस्थाओं का अनादर किया है, फिर चाहे वो चुनाव आयोग हो, संसद हो या न्यायपालिका.’
बिहार के मंत्री ने भी उठाए सवाल
इस बीच, पटना में बिहार सरकार के मंत्री राम कृपाल यादव ने भी कांग्रेस पर सख्त शब्दों में निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार के हालिया विधानसभा परिणाम साफ दिखाते हैं कि जनता ने कांग्रेस के आरोपों को नकार दिया है. यादव ने कहा, ‘जनता ने राहुल गांधी और उनकी पार्टी को पूरी तरह रिजेक्ट कर दिया है. जिस ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर वे आंदोलन कर रहे हैं, वही जनता ने उन्हें जवाब के रूप में हराया है.’
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