Dawood Ibrahim: मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम को लेकर कई कहानियां हैं। कभी उनके मरने की खबरें आती हैं कि उनको जहर दे दी गया है। तो कभी राजन के साथ उनके झगड़े के किस्से सामने आते हैं। हाल ही में पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने किताब लिखी जिसमें दाऊद की बेटी की शादी के गाउन से लेकर एक किडनैपिंग तक का जिक्र किया गया है। इंदौर में हाई प्रोफाइल किडनैपिंग का जिक्र हमेशा होता है। शैकल द स्टॉर्म नाम की इस किताब में दाऊद के कई काले कारनामों के बारे में लिखा गया है।
2005 में इंदौर में हुए एक हाई-प्रोफाइल अपहरण हुआ था इसी बीच दाऊद की बेटी की भी शादी हुई थी। डॉ. शैलेन्द्र ने इन दो बातों को एक ही कड़ी में पिरोते हुए सच्चाई बताई है। दाऊद की बेटी की शादी के लिए ड्रेस तैयार करने वाले को उस समय एक करोड़ रुपये दिए गए थे। आखिर ये दर्जी कौन था, जो आज तक फरार है?
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शादी और किडनैपिंग का कनेक्शन
जुलाई 2005 में दाऊद इब्राहिम की बेटी माहरुख का शादी थी, जोकि मक्का में किया गया था। माहरुख ने अपनी शादी के मौके पर जो गाउन पहना था वो मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक छोटे से दर्जी इस्माइल खान ने सिला था। शादी की बात यहीं खत्म होती है अब बात करते हैं 17 अगस्त 2005 को, इंदौर के एक प्रमुख सीमेंट व्यापारी के 20 साल के बेटे नितेश नागौरी की, जिसको किडनैप कर लिया गया। जब ये मामला पुलिस तक पहुंचा तो कई खुलासे हुए, जिसमें पता चला कि किडनैपिंग करने वाला वो ही दर्जी था जिसने माहरुख का ड्रेस तैयार किया था।
किसने कराई किडनैपिंग
इस केस में दर्जी को मास्टरमाइंड माना गया, लेकिन सवाल ये था कि आखिर इसने ये किसके कहने पर किया? इस्माइल खान का सीधा कनेक्शन दाऊद इब्राहिम के करीबी आफताब आलम से था। पुलिस के मुताबिक, इस किडनैपिंग के बदले में इस्माइल को बड़ी रकम और दुबई में नौकरी की पेशकश की गई थी। इसके अलावा गाउन सिलने के भी एक करोड़ रुपये दिए गए थे। इस्माइल और आफताब इस वारदात के बाद से आज तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
दाऊद इब्राहिम छोटा राजन की दुश्मनी
छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम की दुश्मनी से हर कोई वाकिफ है। इस किताब में उनके झगड़े और मारने की प्लानिंग का भी जिक्र है। दाऊद की बेटी मारिया की मौत के बाद राजन ने दाऊद को मारने का प्लान बनाया। इस प्लान को अंजाम वाला विक्की मल्होत्रा था, जिसमें फारिद तानाशा, बालू डोकरे, विनोद मटकर, संजय घाटे और बाबा रेड्डी भी शामिल थे। जब दाऊद कराची के एक दरगाह पर जाने वाला था उस दौरान वो सब दरगाह के बाहर कई दिनों तक कैंप लगाकर रहे। ISI ने इस सारे प्लान की खबर दाऊद को दे दी, जिस वजह से बच गया। हालांकि इस नाकामयाबी से छोटा राजन बहुत गुस्सा हुआ था।