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एक महीने किया डिजिटल अरेस्ट, 11.8 करोड़ वसूले; बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर से बदमाशों ने कैसे की ठगी?

Bengaluru Software Engineer Digital Arrest Case: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां बदमाशों ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी कर ली। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 23, 2024 14:48
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digital arrest

Karnataka Crime News: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। यहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बदमाशों ने एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर ब्लैकमेल किया। बाद में हेब्बल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ठगी का अहसास हुआ। जिसके बाद शिकायत पुलिस को दी गई। ठगों ने 39 वर्षीय शख्स को डरा-धमकाकर 11.8 करोड़ रुपये ठग लिए। एक महीने पहले ठगी की शुरुआत हुई। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक 25 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच आरोपियों ने पैसे वसूले। बदमाशों ने उनको टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (TRAI) अधिकारी बनकर फोन किया। इस दौरान उनको आधार कार्ड-सिम का फर्जी इस्तेमाल होने की बात कहकर डराया गया।

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सबसे पहले 11 नवंबर को कॉल आई। इंजीनियर को फर्जी टीआरएआई अधिकारी ने सुबह करीब 10.30 बजे 8791120931 नंबर से फोन किया। कॉलर ने कहा कि आपके नाम से खरीदे गए सिम से लोगों को धमकियां दी जा रही हैं। अवैध तौर पर विज्ञापन भी पब्लिश किए जा रहे हैं। आधार कार्ड से सिम खरीदा गया है। वे लोग सिम ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। इस बाबत मुंबई के कोलाबा साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है। इसके बाद फर्जी पुलिस अधिकारी ने कॉल की। मोबाइल नंबर 7420928275 से संपर्क कर कहा कि आपके आधार के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक खाता खोला गया है।

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किसी को इस बारे में जानकारी न दें। कुछ बड़े लोगों ने यह सब किया है। ये लोग जेल में हैं, अगर मामले में तुमने सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तार कर लेंगे। इसके बाद तीसरी कॉल करके स्काइप ऐप डाउनलोड करवाई गई। वीडियो कॉल करके शख्स ने उनको मुंबई पुलिस का अधिकारी होने की बात कही। इसके बाद एक व्यवसायी नरेश गोयल का जिक्र किया। कॉलर ने उनसे कहा कि केनरा बैंक में उसके नाम का इस्तेमाल कर 6 करोड़ का खाता खोला गया है।

गिरफ्तारी के डर से ट्रांसफर किए पैसे

25 नवंबर को फिर कॉल की और कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने उसके खिलाफ संज्ञान लिया है। इसके बाद उससे करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवाए गए। ठगों ने कहा कि आरबीआई के निर्देशों पर बैंक अकाउंट को वेरिफाई किया जा रहा है। गिरफ्तारी के डर से उसने एक खाते में 75 लाख और दूसरे में 3.41 करोड़ ट्रांसफर कर दिए। इस तरह आरोपी 12 दिसंबर तक उनसे 11.8 करोड़ की ठगी कर चुके हैं। जब ठगों ने और पैसे मांगे तो ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 23, 2024 02:48 PM

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