Bengal News: पश्चिम बंगाल के मुस्तफानगर इलाके से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। यहां के रहने वाले एक मजदूर के बेटे की मौत हो जाती है। शव को घर तक लाने के लिए एंबुलेंस से बात करता है लेकिन किराया के लिए पर्याप्त रकम न होने के बाद वह बेटे के शव को बैग में रखता है और बस में बैठकर 200 किलोमीटर की दूरी तय करता है।
ये कहानी मुस्तफानगर ग्राम पंचायत के डांगीपारा गांव के रहने वाले असीम देवशर्मा की है। असीम देवशर्मा ने बताया कि बेटे की मौत के बाद एम्बुलेंस चालकों की ओर से 8000 हजार रुपये मांगे गए। ये रकम मेरे लिए बहुत बड़ी थी, जिसे देने में मैं असमर्थ था। इसके बाद मेरे पास शव को खुद ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
This is Ashim Debsharma; father of a 5 month old infant who died in a Medical College in Siliguri.
He was being charged Rs. 8000/- to transport the dead body of his child. Unfortunately after spending Rs. 16,000/- in the past few days during the treatment, he couldn't pay the… pic.twitter.com/G3migdQww8— Suvendu Adhikari (Modi Ka Parivar) (@SuvenduWB) May 14, 2023
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घटना शनिवार की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, असीम देवशर्मा के दोनों जुड़वा बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। उन्हें पहले कालियागंज स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें रायगंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, उनके दोनों बच्चों को आगे के इलाज के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। यहां बच्चों की तबीयत बिगड़ती गई। फिर असीम देवशर्मा की पत्नी गुरुवार को एक बच्चे को लेकर घर लौट आईं, जबकि शनिवार रात दूसरे बच्चे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
एंबुलेंस चालकों ने मांगे 8000 हजार रुपये
बेटे की मौत से दुखी असीम शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे। यहां एम्बुलेंस चालकों ने घर ले जाने के लिए 8,000 रुपये की मांग की तो वे चौंक गए। उनके पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, क्योंकि वे बच्चे के इलाज में पहले ही 16 हजार रुपये खर्च कर चुके थे।
कोई अन्य विकल्प नहीं होने के कारण असीम देवशर्मा बंगाल के सिलीगुड़ी से रायगंज के लिए एक निजी बस में सवार हुए और फिर अपने गृहनगर कालीगंज पहुंचने के लिए दूसरी बस ली। कालियागंज के विवेकानंद चौराहे पर पहुंचकर असीम देवशर्मा ने मदद मांगी और एंबुलेंस का इंतजाम किया।