सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला। एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (सीजीआई) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। घटना तब हुई जब जस्टिस बीआर गवई एक मामले में सुनवाई कर रहे थे। हमले के प्रयास के बाद कोर्ट स्टॉफ ने वकील को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने आरोपी वकील राकेश किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि माना जा रहा है कि वकील राकेश CJI गवई की मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना पर की गई टिप्पणी से आहत था।
सनातन के अपमान का लगा आरोप
बताया जा रहा है कि अदालत में मौजूद एक वकील ने बताया कि अदालत कक्ष से बाहर ले जाते समय वकील ने कहा कि सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।
आया सीआई का बयान
घटना के बाद सीजीआई बीआर गवई का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से फर्क नहीं पड़ता। आरोपी की हरकत के दौरान जस्टिस गवई पूरी तरह शांत रहे। जूता फेंकने के प्रयास में वकील राकेश किशोर को कोर्ट स्टाफ ने पकड़ लिया। आरोपी वकील को पुलिस को सौंप दिया गया। कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि उन्हें इस तरह की घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है। बाकी लोगों से कहा कि आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें।
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वकीलों ने की हमले की निंदा
हमला के बाद वकीलों ने अरोपी वकील का विरोध करना शुरू कर दिया है। वकीलों ने आरोपी वकील पर कार्रवाई की भी मांग की है। सीनियर वकील इंदिरा जय सिंह ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच की आवश्यक है। आरोपी वकील के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय पर एक स्पष्ट जातिवादी हमला प्रतीत होता है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों द्वारा एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा इसकी निंदा की जानी चाहिए कि न्यायालय वैचारिक हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
क्या थी भगवान विष्णु पर टिप्पणी?
मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। गत 16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि ये फैसला हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। इस पर कोर्ट ने कहा था कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। सीजीआई ने कहा था कि भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं। हालांकि 2 दिन बाद सीजीआई ने सफाई देते हुए कहा था कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। कहा कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
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