---विज्ञापन---

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री बोले- पिछली सरकारों की तरह मोदी सरकार वोट बैंक देखकर नीतियां नहीं बनाती

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र में रही पिछली सरकारों को एक बार फिर निशाने पर लिया है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस देश में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले वोट बैंक को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाती थीं। नरेंद्र मोदी सरकार ने कभी जनता को खुश […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jan 18, 2023 11:34
Share :
amit shah

Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र में रही पिछली सरकारों को एक बार फिर निशाने पर लिया है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस देश में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले वोट बैंक को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाती थीं। नरेंद्र मोदी सरकार ने कभी जनता को खुश करने के लिए नीतियां नहीं बनाईं, बल्कि जनता के भले के लिए नीतियां बनाईं।

GST और DBT का अमित शाह ने दिया उदाहरण

अमित शाह ने कहा कि पूर्व की सरकारें हर कदम वोट बैंक की राजनीति से चलती थीं। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कुछ फैसले कठिन लग सकते हैं लेकिन ऐसे फैसले सिर्फ लोगों की भलाई के लिए हैं। वस्तु एवं सेवा कर (GST) और डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) समेत सरकार की ओर से उठाये गये कुछ कदमों का हवाला देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इन फैसलों का विरोध स्पष्ट और समझ में आता है।

---विज्ञापन---

उन्होंने कहा कि जब हम GST लाते हैं, तो हमारा विरोध स्वाभाविक है। जब हम DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) लाए थे, तो बड़ा विरोध था। यह स्पष्ट था कि बिचौलिए इसे पसंद नहीं करेंगे। इसी तरह, जो भी फैसले लिए गए हैं, वे कठिन हो सकते हैं, लेकिन ये फैसले लोगों की भलाई के लिए थे।

शाह बोले- मोदी सरकार कभी वोट बैंक के बारे में नहीं सोचती

शाह ने कहा, “मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अगर आपको नीति को समझना है, तो नीतियां बनाते समय बुनियादी सिद्धांतों को भी समझना होगा। हमने नीतियां बनाते समय कभी वोट बैंक के बारे में नहीं बल्कि समस्या के समाधान के बारे में सोचा है।”

---विज्ञापन---

अमित शाह ने कहा, “मोदी सरकार ने कभी भी समस्याओं को टुकड़ों में नहीं देखा है। पहले बुनियादी समस्याओं के पूर्ण समाधान को ध्यान में रखते हुए नीतियां नहीं बनाई जाती थीं। मोदी सरकार ने नीतियों के पैमाने और आकार को बदल दिया है।”

शाह ने कहा कि जहां तक जनसुविधाओं का सवाल है, हर स्तर पर अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। अधिकारियों को अलग-अलग स्तरों से मिले सुझावों को अपने नजरिए से भी देखना होगा। उसके बाद उन्हें अपने क्षेत्र में सुशासन के मंत्र गढ़ने होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने मीडिया का भी किया जिक्र

मीडिया का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी सरकार की अच्छी बातों को बिना किसी व्यक्तिगत विचारधारा के स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार की परवाह किए बिना अच्छी चीजों को स्वीकार किया जाना चाहिए। चाहे किसी भी विचारधारा की सरकार हो।

शाह ने कहा कि अगर कोई पत्रकार खुले दिमाग से परिणामों को स्वीकार नहीं करता है, तो वह पत्रकार नहीं बल्कि एक कार्यकर्ता है। एक कार्यकर्ता पत्रकार और एक कार्यकर्ता नहीं हो सकता है। पत्रकार एक्टिविस्ट नहीं हो सकता। दोनों अलग-अलग काम हैं। दोनों अपनी-अपनी जगह अच्छे हैं। लेकिन अगर दोनों एक-दूसरे का काम करने लगें तो दिक्कत होगी। आजकल ऐसा बहुत देखा जाता है।

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Jan 18, 2023 11:34 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें