Rahul Gandhi disqualified: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले में अमेरिकी सरकार नजर रख रही है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रिंसिपल उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि लोकतंत्र में कोर्ट का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत सभी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ लगातार काम कर रहा है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दिए जाने से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए वेदांत पटेल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र की आधारशिला है और हम भारतीय अदालतों में चल रहे राहुल गांधी से जुड़े मामलों पर नजर बनाए हुए हैं।
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"लोकतंत्र में कोर्ट का सम्मान जरूरी, राहुल गांधी मामले पर नज़र बनाए हुए हैं"
◆ अमेरिकी विदेश विभाग के प्रिंसिपल उप प्रवक्ता वेदांत पटेल का बयान #RahulGandhi | Vedant Patel | Rahul Gandhi pic.twitter.com/PyHRguqCMB
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बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 के ‘मोदी सरनेम’ मामले में पिछले हफ्ते गुरुवार को सूरत के कोर्ट ने दोषी माना था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी। एक दिन बाद ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी।
भारत सरकार या राहुल से बात कर रही अमेरिकी सरकार?
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत सरकार या राहुल गांधी के साथ कोई बातचीत कर रहा है, उन्होंने कहा कि मेरे पास आपको देने के लिए कोई विशिष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन आप जानते हैं कि यह सामान्य है और जहां-जहां हमारे द्विपक्षीय ताल्लुकात हैं, वहां हम विपक्षी दलों के सदस्यों के साथ भी जुड़ते ही हैं।
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राहुल गांधी की सदस्यता जाने के खिलाफ लामबंद हैं विपक्षी दल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के तीन दिन बाद सोमवार को विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया। इस दौरान संसद और संसद के बाहर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने काला कपड़ा पहनकर विरोध जताया।
उधर, लोकसभा सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक अपना तुगलक लेन बंगला खाली करने के लिए कहा गया है, जो उन्हें एक सांसद के रूप में सौंपा गया था।