Bangladesh Political Crisis : बांग्लादेश में राजनीतिक उथलपुथल के बाद अब अंतरिम सरकार का गठन हो गया। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार बने। शेख हसीना ढाका छोड़कर भारत आ गईं। इसके बाद भी पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनुस सरकार से आपत्ति जताई थी, लेकिन फिर हमले नहीं रुके। इस बीच मोदी सरकार ने बांग्लादेश के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है।
बांग्लादेश में भारत से बिजली सप्लाई की जाती है। इसे लेकर अडानी पावर ने बांग्लादेश को अपनी सारी बिजली सप्लाई करने के लिए झारखंड के गोड्डा में नए कोयला आधारित बिजली संयंत्र का उद्घाटन किया था, जिसकी क्षमता 1,600 मेगावाट है। पहले इस प्लांट से सिर्फ पड़ोसी देश को ही बिजली निर्यात की जा सकती है, लेकिन बांग्लादेश में राजनीतिक जोखिम देखते हुए मोदी सरकार ने बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी।
यह भी पढ़ें : ‘अल्पसंख्यकों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी’, हिंदुओं पर हमले रोकने में नाकामी पर बांग्लादेश की नई सरकार ने मांगी माफी
2018 के नियमों में किया गया संशोधन
केंद्र सरकार ने बिजली आपूर्ति करने के नियमों में संशोधन किया। इसके तहत अब बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को देश में भी पॉवर सप्लाई करने की अनुमति मिल गई। इसे लेकर पॉवर मिनिस्ट्री ने एक ज्ञापन जारी किया, जिसमें पड़ोसी देश को बिजली की सप्लाई करने वाले 2018 के नियमों में संशोधित किया गया है। इस संशोधन के बाद अडानी पवार को अब देश में भी बिजली निर्यात करने की परमिशन मिल गई।
देश में बिजली की बढ़ती मांग होगी पूरी
पॉवर मिनिस्ट्री के ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि मोदी सरकार ऐसे बिजली उत्पादन स्टेशन को भारतीय ग्रिड से जोड़ने की मंजूरी दे सकती है। इसे लेकर अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से देश भर में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़ें : बांग्लादेश की राजनीति में आएगा नया ट्विस्ट? शेख हसीना के बेटे ने नई सरकार को दिया ‘अल्टीमेटम’
बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला ऐसे समय में लिया गया, जब बांग्लादेश में राजनीतिक संकट है, जहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का तख्तापटल कर दिया गया। प्रदर्शकारी छात्र उग्र होते जा रहे हैं और अल्पसंख्यक हिंदू सुरक्षित नहीं हैं। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर मोदी सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया।