High Blood Pressure Signs In Children: हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आजकल काफी कॉमन होती जा रही है। शहरी इलाकों में तो बीपी की बीमारी काफी तेजी से बढ़ी है। अनहेल्दी डाइट इस बीमारी के होने की एक बड़ी वजह है, लेकिन अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो ये काफी गंभीर हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम ज्यादातर बड़ों को प्रभावित करती है।
हालांकि, अब देखा जाए तो यह बच्चों और टीनएजर्स में कॉमन होती जा रही है। ऐसे कई फैक्टर हैं जिनका इस्तेमाल बच्चों में ब्लड प्रेशर को नॉर्मल करने के लिए कर सकते हैं। इनमें से कुछ में लिंग, आयु और लंबाई शामिल हैं। टीनएजर्स में हाई बीपी बाद की लाइफ में सेहत से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इसलिए समय पर बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों की पहचान करना बहुत जरूरी है।
बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर दो टाइप के होते हैं-
प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर (Primary High Blood Pressure)
यह टीनएजर्स और एडल्ट्स में ज्यादा कॉमन है। प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर अक्सर लाइफस्टाइल फैक्टर्स की वजह से होती है, जैसे-
- परिवार की हिस्ट्री- अगर परिवार में किसी को हाई बीपी की समस्या है, तो आगे आने समय में आपको भी हो सकती है।
- मोटापे की समस्या- किसी को मोटापे की शिकायत है तो भी बीपी की समस्या हो सकती है।
- बहुत ज्यादा नमक का सेवन- जिन लोगों को नमक खाने की ज्यादा आदत है, उन्हें भी समस्या हो सकती है।
- डायबिटीज की बीमारी- जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी है, उनमें भी ये समस्या देखने को मिलती है।
सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर (Secondary High Blood Pressure)
यह एडल्ट्स के मुकाबले में बच्चों में ज्यादा आम है। इसके कुछ सामान्य कारण हैं, जैसे-
- किडनी डिसऑर्डर
- हाइपरथाइरॉडिस्म
- हार्मोनल से जुड़ी समस्याएं
- हार्ट या ब्लड वेसल्स डिसऑर्डर
- नींद से जुड़े डिसऑर्डर
- स्ट्रेस लेना
- कुछ मेडिसिन के इफेक्ट्स से भी होता है।
बच्चों में दिखने वाले लक्षण
क्या हो सकते हैं हेल्थ रिस्क
- अगर सही समय पर उपचार न किया जाए तो एडल्ट और बच्चों दोनों के लिए ही बेहद गंभीर हो सकता है।
- जिन बच्चों को हाई बीपी है, अगर उपचार न किया जाए तो उनके बड़े होने पर हाई बीपी होने का चांस ज्यादा होता है।
अगर बच्चे का हाई बीपी जारी रहता है, तो ये समस्याएं हो सकती हैं, जैसे-
- दिल की बीमारी
- स्ट्रोक
- दिल की धड़कन रुकना
- किडनी की बीमारी
- हाई ब्लड प्रेशर को हर उम्र में मैनेज किया जा सकता है।
बचाव कैसे करें
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