Dengue Vaccine: डब्ल्यूएचओ ने 10 मई, 2024 को एक नई वैक्सीन, टीएके-003 को प्रीक्वालिफिकेशन के साथ डेंगू बुखार के खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा। टेकेडा के द्वारा विकसित, यह टीका अब डब्ल्यूएचओ की मुहर प्राप्त करने वाला दूसरी वैक्सीन है।
TAK-003 एक Live,Attenuated Vaccines है जिसे डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप के खिलाफ डिजाइन किया गया है। यह डेंगू ट्रांसमिशन वाले क्षेत्रों के लिए एक आशा की किरण लेकर आई है। खासकर 6-16 साल की आयु के बच्चों के लिए यह वैक्सीन है। ऑप्टिमल सुरक्षा देने के लिए डब्ल्यूएचओ तीन महीने के अंतराल पर दो-खुराक लेने की सिफारिश करता है।
डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन पर क्या कहा है
डब्ल्यूएचओ के रेगुलेशन और प्रीक्वालिफिकेशन डाइरेक्टर डॉ. रोजेरियो गैस्पर ने इस उपलब्धि के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि TAK-003 की प्रीक्वालिफिकेशन डेंगू के टीकों तक वैश्विक पहुंच के विस्तार में एक जरूरी कदम है, क्योंकि यह अब यूनिसेफ और पीएएचओ सहित संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा खरीद के लिए पात्र है। अब तक केवल दो डेंगू वैक्सीन को प्रीक्वालिफाई किया गया है।
यह अप्रूवल डब्ल्यूएचओ की प्रीक्वालिफिकेशन लिस्ट में सनोफी पाश्चर (Sanofi Pasteur) के CYD-TDV वैक्सीन के साथ जुड़ गया है, जो डेंगू बुखार के खिलाफ है। डेंगू, एक मच्छर जनित (Mosquito Borne) बीमारी है, जो पब्लिक हेल्थ के लिए एक ख़तरा है, जिसके गंभीर मामलों में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। डेंगू के खिलाफ टीकाकरण न केवल लोगों की रक्षा करता है बल्कि बीमारी की रोकथाम और कंट्रोल के प्रयास में भी हेल्प करता है।
क्लाइमेट चेंज और शहरीकरण ने डेंगू के फैलाव को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। TAK-003 और CYD-TDV के अलावा, WHO की प्रीक्वालिफिकेशन सूची डेंगू बुखार के खिलाफ चल रही लड़ाई में आशा की किरण है। यह ग्लोबल हल्थ और संक्रामक बीमारियों से निपटने में वैक्सीन डेवलपर्स, रेगुलेटरी बॉडी और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच सहयोग के महत्व को बताता है।
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