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World Drug Day 2025: ड्रग्स सिर्फ अपराध नहीं, गंभीर बीमारियों की जड़, जानें क्या कहती है WHO की रिपोर्ट

World Drug Day 2025: ड्रग्स के बारे में लोगों को दिमाग में सबसे पहले कुछ आता है, तो वह अपराध होता है। मगर कब तक? लोगों के बीच इस गलत धारणा को बदलना क्यों जरूरी हो गया है कि ड्रग्स सिर्फ अपराध या गैर कानूनी काम नहीं बल्कि एक ऐसी नशे की बीमारी है, जो आपको बीमारियों के घेरे में भी डाल सकती है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jun 26, 2025 08:33

World Drug Day 2025: ड्रग्स, आपने इसका नाम तो सुना ही होगा। शायद आपमें से कई लोग इसका सेवन भी करते होंगे। ड्रग्स कई प्रकार के होते हैं। हालांकि, ड्रग्स अच्छी चीज नहीं होती है, मगर क्या इसे अपराध मानना सही है? आज वर्ल्ड ड्रग डे 2025 के अवसर पर हमें इस बारे में जरूर जानना चाहिए कि क्यों लोगों में ड्रग्स को लेकर सिर्फ यह धारणा ज्यादा पॉपुलर है कि यह गैर कानूनी पदार्थ है, जबकि उससे भी ज्यादा गंभीर बात यह है कि इसका सेवन करने वाले अपनी सेहत को किस तरह से प्रभावित कर रहे हैं। WHO की लेटेस्ट रिपोर्ट में नशीली दवाओं से होने वाली मानसिक बीमारियों समेत कई अन्य रोगों केबारे में बताया है। आइए जानते हैं विस्तार से।

WHO की रिपोर्ट क्या कहती है?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO)  के मुताबिक, दुनिया में हर साल 64 मिलियन लोग ड्रग्स से होने वाली बीमारियों का सामना करते हैं और उनमें से 90% लोग अपना सही इलाज कभी भी नहीं कर पाते हैं। दरअसल, इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि लोगों ने ड्रग्स के नशे को नशे की बीमारी से ज्यादा अवैध और गैरकानूनी समझ लिया है। डब्ल्यूएचओ बताता है कि ड्रग्स एक गंभीर पब्लिक हेल्थ क्राइसिस है, जिसके बारे में लोग बात नहीं कर रहे हैं।

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युवाओं और ड्रग्स का संबंध

रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर अनुमान लगाया गया है कि साल 2022 में 292 मिलियन लोग, जिसमें 15 से 64 वर्ष की आयु के बीच के 5.6% ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। इनमें उन युवाओं की संख्या भी शामिल है, जो स्कूल जाने वाले हैं। 2022 में, पूर्वी मेडिटेरेनियन रिजन में, 15 से 64 वर्ष की आयु के बीच की आबादी के अनुमानित 6.7% लोगों ने ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं।

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ड्रग्स से होने वाली बीमारियां

हेल्थ रिपोर्ट में बताया गया है कि आर्थिक बोझ और घरेलू नुकसानों के अलावा, नशीली दवाओं से लोगों के स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। ड्रग्स से लोगों को कई मेंटल हेल्थ से संबंधित बीमारी हो सकती है, जिसमें डिप्रेशन, एंग्जाइटी, सिजोफ्रेनिया, पैरानोया, नींद की समस्या और कॉग्निटिव डिसऑर्डर शामिल हैं। इसके साथ-साथ कई शारीरिक बीमारियां भी ड्रग्स से हो सकती है, जिसमें दिल के रोग, हाई बीपी, हार्ट फेलियर, हेपेटाइटिस, लिवर डिजीज, अस्थान, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, लंग कोलैप्स, किडनी-लिवर फेल होना शामिल है।

HIV का भी रिस्क

ड्रग्स यदि इंजेक्शन के माध्यम से लिया जाए, तो कई बार लापरवाहियों के चलते संक्रमित मरीज की सूई से आपका भी संपर्क हो सकता है, जो एड्स जैसी बीमारी की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा देता है।

भारत में कितने लोग ड्रग्स के शिकार?

साल 2019 में हुए राष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक, यहां कैनाबिस से 3.1 करोड़ लोगों को इसकी लत है। इनमें 10 से 75 आयुवर्ग के लोग शामिल है। ओपिओइड्स लगभग 2.26 करोड़ और सिडेटिव्स से प्रभावित 1.18 करोड़ लोग है। हालांकि, ये सभी अनुमानित डाटा है। वहीं, UNODC की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में लगभग 1 करोड़ लोग ड्रग एडिक्शन से प्रभावित है। यह डाटा साल 2023 का है।

ड्रग्स की लत कैसे छुड़वाई जा सकती है?

सबसे पहले तो इस बारे में जानने की जरूरत है कि ड्रग्स लेने वाला कौन से प्रकार का ड्रग ले रहा है। इसके बाद काउंसलिंग करवाना जरूरी है। रीहैब सेंटर्स की मदद लें। विशेषज्ञों की निगरानी में रखकर उन्हें कुछ दवाएं भी दी जा सकती है। फैमिली सपोर्ट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रोगियों को अकेले न छोड़े तथा उन्हें ड्रग्स से दूर रखने के लिए अलग-अलग तरीके बताएं।

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First published on: Jun 26, 2025 08:33 AM

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