WHO declared Monkeypox Global Public Health Emergency: कोरोना वायरस महामारी से लेकर लॉकडाउन की त्रासदी तक, 2019-20 का दौर तो आपको याद ही होगा। कोविड 19 ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था। इसका असर आज भी मौजूद है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स आए दिन सामने आते रहते हैं। कोरोना का कहर अभी कम ही हुआ था कि दुनिया में एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है।
WHO ने जारी किया हाई अलर्ट
इस बीमारी का नाम मंकीपॉक्स है। दुनिया में कई लोग तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। खासकर अफ्रीकी देश कांगो और उसके आसपास के इलाकों में ये बीमारी तेजी से फैल रही है। इसे लेकर WHO ने हाई अलर्ट जारी किया है। ये बीमारी 2022 की तुलना में ज्यादा गंभीर और जानलेवा साबित हो सकती है।
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अमेरिका ने दी चेतावनी
मंकीपॉक्स का पुराना वेरिएंट पहले ही दुनिया के कई देशों में मिल चुका है। मगर नया वेरिएंट कांगो के अलावा कहीं से सामने नहीं आया है। अमेरिका और ब्रिटेन में भी नए वेरिएंट के केस नहीं मिले हैं। अमेरिकन सीडीसी ने डॉक्टरों के लिए चेतावनी जारी की है कि त्वचा पर चकते और घाव जैसी बीमारियों से सतर्क रहने की जरूरत है।
With the rise in the spread of mpox cases, particularly throughout Africa, @WHO has declared it a public health emergency of international concern.
Mpox is a viral disease that can be contained with the proper response and support.https://t.co/zbvwB7XjTy
— United Nations (@UN) August 14, 2024
कनाडा के पीएम ने देश को किया आगाह
बता दें कि मंकीपॉक्स बीमारी अक्सर यौन संबंध या समलैंगिक संबंध बनाने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होती है। ऐसे में मंकीपॉक्स की तुलना अक्सर एड्स जैसी बीमारी से की जाती है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी देशवासियों को अलर्ट किया है। उन्होंने सभी को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि एक नया वायरस आने वाला है, जो कोविड 19 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसलिए सभी को इससे सावधान रहने की आवश्यकता है।
WHO ने क्या कहा?
WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडनाम के अनुसार मंकीपॉक्स के प्रकोप को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में काफी बड़ी आबादी इस बीमारी से जूझ रही है। वहां के लोग अक्सर एक देश से दूसरे देश पलायन करते हैं। इससे बीमारी फैलने का खतरा है। इसलिए सभी को सतर्क रहना चाहिए।
13 देशों में फैली बीमारी
मंकीपॉक्स बीमारी के केस 13 देशों में सामने आ चुके हैं। कांगे के पड़ोसी देश केन्या, रेवांडा, युगांडा और बुरुंडी में भी मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं। वहीं 2022 में ये बीमारी अमेरिका और यूके जैसे देशों में भी देखने को मिली थी। 58 अमेरिकी और कई हजार ब्रिटिश नागरिक मंकीपॉक्स का शिकार हो चुके हैं।
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