Leptospirosis Causes And Symptoms: लेप्टोस्पायरोसिस, लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी है। लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया आपकी स्किन में खरोंच के जरिए या आपकी आंखों, नाक या मुंह के माध्यम से भी आपको संक्रमित कर सकता है। लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों और लोगों के बीच फैलती है।
लेप्टोस्पायरोसिस क्या है
लेप्टोस्पायरोसिस एक तरह का बैक्टीरियल संक्रमण है, जो इंसानों और जानवरों दोनों को ही संक्रमित कर सकता है। यह लेप्टोस्पाइरा जीनस (genus) के बैक्टीरिया के कारण होता है। लोगों में लेप्टोस्पाइरा के कई प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं। जिनमें से कई अन्य बीमारियों के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। इसके अलावा कई मरीज ऐसे भी होते हैं, जिनमें एक भी लक्षण नजर नहीं आता। लेप्टोस्पायरोसिस कोई मामूली बीमारी नहीं है, इसका समय पर उपचार न होने से किडनी डैमेज, लिवर का फेल होना, सांस से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।
लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण कैसे होता है?
लेप्टोस्पायरोसिस का कारण पनपने वाले बैक्टीरिया संक्रमित जानवरों के पेशाब के जरिए फैलते हैं, जो पानी या मिट्टी में मिलते हैं और वहां हफ्तों से लेकर कई महीनों तक जिंदा रहते हैं। इसकी वजह से कई अलग-अलग तरह के जंगली और घरेलू जानवर भी इन बैक्टीरिया की चपेट में आते हैं और संक्रमण से ग्रस्त हो जाते हैं। इनमें भेड़, सुअर, घोड़े, कुत्ते, चूहों के साथ-साथ अन्य जंगली जानवर भी शामिल हो सकते हैं, जो इस संक्रमण का शिकार होते हैं। वहीं, लोगों में यह इंफेक्शन संक्रमित जानवरों के पेशाब या लार को छोड़कर शरीर के अन्य तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है।
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क्या है लेप्टोस्पायरोसिस?, जानें इस video में-
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इस संक्रमण से ग्रस्त होने और उसके बाद बीमार होने के बीच का समय 2 से 4 हफ्तों तक हो सकता है। इस बीमारी में आमतौर पर बुखार और अन्य लक्षण अचानक दिखते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में लेप्टोस्पायरोसिस दो स्टेज में हो सकता है। पहली स्टेज के बाद (बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, वोमिटिंग के साथ) रोगी कुछ टाइम के लिए सही हो सकता है, लेकिन फिर बीमार हो जाता है। जबकि दूसरी स्टेज में यह लक्षण बेहद गंभीर हो जाते हैं, वहीं, कुछ लोगों में किडनी या लिवर भी फेल हो सकता है। यह बीमारी कुछ दिनों से लेकर 3 हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक रह सकती है।
लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज
लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज एंटीबायोटिक मेडिसिन से किया जा सकता है, जिन्हें बीमारी के शुरु होते ही डॉक्टर से मिल लेना चाहिए। वहीं, ज्यादा गंभीर लक्षणों वाले लोगों की जांच के बाद ही डॉक्टर इलाज और दवाई तय करते हैं।
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लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव कैसे करें
लेप्टोस्पायरोसिस से बचने का सबसे आसान तरीका ये है कि जानवरों के पेशाब से गंदे पानी में तैरने या उतरने से बचना चाहिए या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
लेप्टोस्पायरोसिस क्या है और इसका उपचार क्या है जानें इस video में-
बारिश में लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा
लेप्टोस्पायरोसिस इंफेक्शन गंदे पानी के संपर्क में आने से हो सकता है। इसके अलावा दूषित खाना या पानी का सेवन करने से भी यह संक्रमण फैल सकता है। वहीं, बाढ़ का खतरा भी अक्सर बारिश के मौसम में होता है, तो इससे भी पानी काफी ज्यादा गंदा हो जाता है। इसलिए बारिश के मौसम में लेप्टोस्पायरोसिस का जोखिम बढ़ सकता है।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।