Pneumonia Ke Lakshan: निमोनिया फेफड़ों का इंफेक्शन होता है जिसमें फेफड़े के छोटे स्पेस में रेशे, म्यूकस या फ्लुइड जमा होने लगता है. ये लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की गिनती में आता है जिसमें अगर सर्दी लगी हो तो इंफेक्शन नाक से गले और गले से फेफड़े में चला जाता है. इससे सांस की नली में सूजन आ जाती है. निमोनिया होने पर एक या दोनों फेफड़ों के वायु कोष में इंफ्लेमेशन हो जाती है यानी सूजन हो जाती है. इनमें फ्लुइड या पस भरने पर बलगम वाली खांसी आने लगती है और साथ ही शरीर पर अन्य लक्षण (Symptoms) नजर आते हैं. मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है सो अलग. ऐसे में यहां जानिए निमोनिया होने के वॉर्निंग साइन कौन-कौन से हैं, इसके लक्षण क्या हैं और किस तरह निमोनिया से छुटकारा मिल सकता है.
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निमोनिया के वॉर्निंग साइन | Pneumonia Warning Signs
सीने में दर्द – निमोनिया होने का सबसे बड़ा वॉर्निंग साइन है कि सीने में दर्द होता है और यह दर्द खांसने, छींकने या गहरी सांस लेने पर बढ़ता जाता है. निमोनिया होने पर वायु कोष सूज जाते हैं और ऐसे में सांस लेने में दिक्कत होती है.
बलगम या खून वाली खांसी – निमोनिया होने पर मरीज को जब खांसी आती है तो उस खांसी में बलगम निकलता है या खून नजर आता है. यह वायु कोष के फ्लुइड और पस से भरने के कारण होता है.
बुखार और ठंड लगना – इंफेक्शन और ऑक्सीजन लेवल में बदलाव होने से ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ता है. इससे बुखार भी आ जाता है और ठंड लगने लगती है. इसके अलावा थकान, कंफ्यूजन और चक्कर आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
भूख नहीं लगती – आम सर्दी-खांसी से अलग निमोनिया होने पर भूख में कमी आने लगती है. शरीर फेफड़ों के इंफेक्शन से लड़ रहा होता है और इस दौरान जो खाना आपको अच्छा लगता है उसे खाने का भी मन नहीं करता है. इसके अलावा उल्टी आने लगती है या दस्त हो सकता है.
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के वॉर्निंग साइन के साथ ही कुछ और लक्षण हैं जो निमोनिया हो जाने पर शरीर में नजर आने लगते हैं. निमोनिया के कुछ लक्षण आम होते हैं तो कुछ लक्षण गंभीर हो सकते हैं. ये लक्षण निमोनिया के कीटाणु, उम्र और शरीर की ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करते हैं.
- निमोनिया होने पर सीने में दर्द होने लगता है
- बलगम या खून वाली खांसी आती है
- ऐसा लगता है जैसे पूरा शरीर थकान से टूट रहा है
- वयस्कों के शरीर का तापमान गिरने लगता है.
- सांस फूलने लगती है.
निमोनिया होने के क्या कारण हैं
ऐसे कई कीटाणु हैं जो निमोनिया की वजह बन सकते हैं. बैक्टीरिया और वायरस खासतौर से निमोनिया की वजह बनते हैं. शरीर इन कीटाणुओं से आमतौर पर लड़ लेता है लेकिन इनकी संख्या ज्यादा होने पर या शरीर की इम्यून पावर कम होने पर शरीर इन कीटाणुओं से नहीं लड़ पाता और निमोनिया हो जाता है.
निमोनिया का क्या इलाज है
निमोनिया के इलाज (Pneumonia) में व्यक्ति को एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं. इसके अलावा खांसी को कम करने की दवाएं और बुखार के लिए दवाएं दी जाती हैं. व्यक्ति की उम्र अगर 65 वर्ष से ज्यादा हो या जांच में किसी तरह की कॉम्प्लिकेशन नजर आए तो व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है. इसके अलावा, किडनी से जुड़ी दिक्कत, सांस लेने में जरूरत से ज्यादा दिक्कत और शरीर का तापमान बहुत ज्यादा गिर जाने पर निमोनिया के मरीज को अस्पताल में ही रखा जाता है.
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