Thyroid Imbalance Symptoms: थायराइड ग्रंथि तितली के आकार के आकार की ग्रंथि होती है जो गले के बिल्कुल नीचे होती है. थायराइड ग्रंथि (Thyroid Gland) शरीर के एंडोक्रिन सिस्टम को बनाए रखती है. यह ग्रंथि से T3 और T4 हार्मोन प्रोड्यूस करती है जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म रेग्यूलेट होने में मदद मिलती है. यह ग्रंथि शरीर की हर कोशिका को प्रभावित करती है. थायराइड शरीर के लिए अलग-अलग तरह से जरूरी है और इसीलिए थायराइड थोड़ा भी प्रभावित होता है तो पूरे शरीर पर इसके इफेक्ट्स नजर आने लगते हैं. थायराइड से जुड़ी दो मुख्य दिक्कतें हैं हाइपरथायराइडिज्म जिसमें थायराइड ओवरएक्टिव होता है और हाइपोथायराइडिज्म जिसमें थायराइड अंडरएक्टिव होता है. अगर आपका थाइराइड अंसुलित हो गया है यानी थाइराइड इंबैलेंस हो गया है तो शरीर में इसके वॉर्निंग साइन (Warning Signs) नजर आने लगते हैं. समय रहते इन लक्षणों की पहचान करना जरूरी होता है.
थायराइड इंबैलेंस के 7 वॉर्निंग साइन | 7 Warning Signs Of Thyroid Imbalance
थकान – थायराइड की दिक्कतें (Thyroid Problems) शुरू होती हैं तो शरीर में थकान रहने लगती है. दिनभर आराम करने के बाद भी शरीर थका-थका महसूस करता है. ऐसा खसातौर से हाइपरथायराइडिज्म में होता है.
वजन घटना-बढ़ना – हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइडिज्म दोनों में ही मरीज का वजन कम ज्यादा होता रहता है. थायराइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को रेग्यूलेट करती है. ऐसे में थायराइड की दिक्कत में मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और वजन पर असर नजर आने लगता है.
दिखने में दिक्कत – थायरायड के लक्षणों में आंखों की रोशनी पर असर पड़ना भी शामिल है. हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरोडिज्म दोनों में ही आंखों पर असर पड़ सकता है.
तापमान को लेकर सेंसिटिविटी – थायरायड के कारण शरीर का अंदरूनी तापमान प्रभावित होता है. हाइपोथायराइडिज्म में व्यक्ति को ठंड ज्यादा लग सकती है और हाइपरथायराइडिज्म में व्यक्ति को गर्माहट का एहसास ज्यादा होता है.
त्वचा का रंग बदलता है – शरीर की बाकी सेल्स की ही तरह स्किन की सेल्स को थायरायड ग्रंथि रेग्यूलेट करती है. थायरायड इंबैलेंस में त्वचा जरूरत से ज्यादा ड्राई हो सकती है या फिर त्वचा पर बार-बार पसीना आने लगता है.
हेयर ग्रोथ रुक जाती है – थायरायड के मरीजों में बालों पर भी असर देखा जाता है. कई मरीजों के बाल पतले होने लगते हैं, हेयर ग्रोथ रुक जाती है या बालों का झड़ना शुरू हो जाता है सो अलग.
नींद की दिक्कतें – थायराइड इंबैलेंस होने पर नींद से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं. रात में सामान्य तरह से नींद नहीं आ पाती है. इससे रात में सोते हुए पसीना आने लगता है जिससे नींद खुल जाती है. स्लीप क्वालिटी बिगड़ जाती है और कुछ ही घंटों की नींद आ पाती है.
थायराइड इंबैलेंस कैसे होगा ठीक
शरीर में थायराइड इंबैलेंस के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है. समय पर दवाइयां लें और अपने खानपान का ध्यान रखें. थायराइड इंबैलेंस में आयोडीन से भरपूर फूड्स को खानपान का हिस्सा बनाना होता है. प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम करना भी जरूरी है. इसके अलावा खानपान में फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल किए जाते हैं. रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर जोर दिया जाता है.
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