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विटामिन D की कमी दूर करनी है? सुबह धूप में करें ये काम, लेवल तेजी से बढ़ेगा

Surya Namaskar Can Increase Vitamin D: विटामिन D की कमी को दूर करने के लिए सिर्फ आहार लेना ही जरूरी नहीं है. सुबह की हल्की धूप में समय बिताना भी फायदेमंद हो सकता है. बस आपको सूर्य नमस्कार को सही तरीके से करना होगा.

Author Written By: Shadma Muskan Updated: Nov 29, 2025 12:27
vitamin d deficiency in sunlight
विटामिन D की कमी को दूर करने के सूर्य नमस्कार करें- Image Credit- News24

Vitamin D Deficiency: ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके अंदर विटामिन्स की कमी रहती है. इसे दूर करने के लिए लोग अक्सर तरह-तरह के सप्लीमेंट्स लेते हैं. अच्छी डाइट लेने की वजह से भी कई बार विटामिन डी की कमी दूर हो जाती है, लेकिन हर कोई अच्छी डाइट नहीं ले पाता. ऐसे में धूप आपके काम आ सकती है. आप धूप में रहकर भी विटामिन डी को पूरा कर सकते हैं. स्वामी रामदेव के अनुसार धूप में रोजाना सूर्य नमस्कार करने से शरीर को बहुत ही लाभ मिलता है. अगर आपके अंदर विटामिन की कमी है तो यह प्राणायाम आपके लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है. आइए इस लेख में जानते है सूर्य नमस्कार को करने का तरीका और फायदे-

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विटामिन D की कमी दूर करने के लिए करें सूर्य नमस्कार

विटामिन D की कमी- विटामिन डी एक तरह का सनशाइन होता है, जो सूरज की रोशनी से पूरा हो जाता है. अगर शरीर में विटामिन की कमी है तो हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और थकान भी महसूस हो सकती है. इसलिए धूप को सही वक्त पर लेना बहुत जरूरी है. आप सुबह के वक्त जाकर विटामिन D की कमी को पूरा कर सकते हैं.

विटामिन D की कमी दूर करने के लिए धूप में क्या करें?

धूप वैसे ही विटामिन की कमी को पूरा करती है. ऐसे में अगर धूप में रहकर सूर्य नमस्कार कर लिया जाए, तो बेस्ट रहेगा. आप धूप में 10–15 मिनट रहकर हल्की स्ट्रेचिंग या सूर्य नमस्कार कर सकते हैं. इससे त्वचा सूर्य की किरणों को अच्छी तरह अवशोषित करती है और शरीर में Vitamin D का लेवल तेजी से बढ़ने लगता है.

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कैसे करें सूर्य नमस्कार?

प्राणायम- अपने आसन पर खड़े हो जाएं और दोनों पैर साथ रखें और सांस लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए हथेलियों को छाती के सामने जोड़ लें.
हस्त उत्तानासन- अपनी सांस लेते हुए दोनों हाथ ऊपर उठाएं और फिर शरीर को हल्का पीछे की ओर मोड़ें.
हस्त पादासन- इसमें अपनी सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और दोनों हाथों को जमीन पर थोड़ी देर टिकाएं.
अश्व संचलनासन- सांस लेते हुए दाएं पैर को पीछे ले जाएं और बायां पैर आगे की तरफ रखें और गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं.
दंडासन- इसमें अपना बायां पैर पीछे की ओर ले जाएं और शरीर को सीधा प्लैंक पोज में रखने की कोशिश करें.
अष्टांग नमस्कार- इसमें अपने घुटने, छाती और ठोड़ी को जमीन पर टिकाएं और कूल्हे ऊपर की तरफ करें.
भुजंगासन- शरीर को आगे की ओर स्लाइड करें और छाती ऊपर उठाएं और फिर कोबरा पोज में आकर सांस लें.
पर्वतासन- सांस छोड़ते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं और शरीर को उल्टे V की तरह बनाकर रहें.
अश्व संचलनासन- इसमें दाहिना पैर को आगे की तरफ लाएं और अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ उठाएं.
हस्त पादासन- दूसरा पैर आगे लाएं और शरीर को आगे की ओर झुककर रखें.
हस्त उत्तानासन- अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उछाएं और हाथ ऊपर उठाकर शरीर को पीछे की ओर मोड़ लें.
प्रणामासन- वापस सीधा खड़े हों और हाथ जोड़ लें. हो गया आपका सूर्य नमस्कार पूरा.

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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.

First published on: Nov 29, 2025 12:27 PM

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