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वेज और नॉनवेज में कौन सी डाइट बेस्ट? क्या कहते हैं Expert

Vegetarian Vs Non Vegetarian: वेज और नॉनवेज में कौन सी डाइट बेस्ट है, इसको लेकर हमेशा चर्चा बनी रहती है। दोनों ही सेहत को फायदा करते हैं, लेकिन एक सवाल ये भी है कि कौन सी डाइट को शामिल करना चाहिए? आइए जानें वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन से शरीर को क्या फायदे मिल सकते हैं।  

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Feb 25, 2024 17:17
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veg or non veg
वेज या नॉन वेज Image Credit: Freepik

Vegetarian Vs Non Vegetarian: कई लोगों को छोले भटूरे, राजमा, काले चने पसंद बहुत पसंद हैं। आजकल हम बहुत से लोगों को वेज की ओर बढ़ते हुए देखते हैं और सुनते भी हैं। मशहूर हस्तियों से लेकर मॉडल्स तक और लोगों में इस बात पर बहस सालों से चल रही होती है कि शाकाहारी भोजन हेल्दी है या नहीं, लेकिन यह बहस कोई मायने नहीं रखती है।

यही कारण है कि इस पर अभी भी बहस चल रही है। कुछ लोग वेज खाना ज्यादा पसंद करते हैं और कुछ नॉन वेज को पसंद करते हैं। कई ऐसे भी हैं दोनों ही चीजें खाना पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी कोई कह दे कि आपको क्या ज्यादा खाना अच्छा लगता है, तो आप क्या कहेंगे। चलिए इसी पर बात करते हैं कि कौन सी डाइट सेहत के लिए अच्छी है और क्यों इसके अलावा क्या फायदे मिलते हैं।

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वेज और नॉनवेज में अंतर

शाकाहारी भोजन में, किसी व्यक्ति का भोजन दूध और डेयरी के साथ-साथ हरी सब्जियों से अलग-अलग प्रकार के फूड प्रोडक्ट तक ही सीमित होता है और किसी भी तरह के मांस से पूरी तरह परहेज किया जाता है।

वेज डाइट के फायदे

यह देखा गया है कि वेजिटेरियन में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, लेकिन वे हाई प्रोटीन डाइट से जुड़ी समस्याओं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और किडनी से पीड़ित नहीं होते हैं।

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डाइट में हाई लेवल के एंटीऑक्सीडेंट जैसे विटामिन ई और सी के साथ-साथ कैरोटीन भी शामिल होता है, जो सब्जियों और फलों में मिलता है। इसके अलावा वे कम मात्रा में सैचुरेटेड फैट का सेवन करते हैं।

अलग-अलग कई रिसर्चरों ने भी शाकाहारी होने के फायदे बताए हैं। यह देखा गया है कि शाकाहारियों को दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और ऐसी पुरानी बीमारियों का खतरा कम होता है। शाकाहारियों के शरीर का वजन और बॉडी मास इंडेक्स भी कम होता है।

शाकाहारी डाइट आमतौर पर फाइबर में हाई होती हैं और फाइटो पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट से भरे होते हैं जो कब्ज को रोकने में मदद करते हैं। दूसरी ओर, मांस बेस्ड डाइट में आमतौर पर सैचुरेटेड फैट, नमक की मात्रा ज्यादा होती है।

प्रोटीन की कमी के लक्षण  

  • सुस्त मेटाबॉलिज्म
  • मसल्स में प्रॉब्लम
  • वजन बढ़ने या घटने में परेशानी होना
  • लगातार थकान रहना
  • जोड़ों में दर्द
  • ब्लड शुगर के लेवल में भारी बदलाव
  • कमजोर इम्यूनिटी

 

नॉनवेज के नुकसान 

मांस प्रोडक्ट सैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं, जो दिल की बीमारियों  के खतरे को बढ़ाते हैं। स्टडी से पता चला है कि नॉन वेज खाने वाले लोगों में उनका जीवनकाल छोटा होता है और वे पुरानी बीमारियों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। इसके अलावा डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है।

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Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Feb 25, 2024 05:17 PM

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