शुगर की बीमारी ऐसी है, जो दुनियाभर के लोगों को प्रभावित कर रही है। भारत को भी डायबिटीज कैपिटल माना जाता है यानी इस देश में भी शुगर की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। डायबिटीज के 2 प्रकार बहुत सामान्य हैं- टाइप-1 और टाइप-2। मगर अब दुनिया वालों के सामने एक और नए प्रकार के डायबिटीज की पहचान हुई है। इसे टाइप-5 डायबिटीज कहते हैं। टाइप-5 डायबिटीज एक नया और दुर्लभ प्रकार का डायबिटीज है, जो हाल ही में हेल्थ रिसर्च के माध्यम से चर्चा में आया है। सामान्यत: हम टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के बारे में सुनते हैं, लेकिन टाइप-5 डायबिटीज अब एक नई उभरती हुई चिंताजनक स्थिति है। यह मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ी हुई एक स्थिति है और इसमें शारीरिक अवस्था और लाइफस्टाइल के कुछ कारण शामिल होते हैं।
क्या यह नई बीमारी है?
हाल ही में बैंकॉक में वर्ल्ड डायबिटिक कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था, जहां अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर पीटर श्र्वार्ज ने आधिकारिक तौर पर एक घोषणा की, जिसमें इसे एक नई उभरती बीमारी बताया है। मगर बता दें कि यह कोई नई ईजाद की हुई बीमारी नहीं है। 1960 के दशक में सबसे पहले इस बीमारी के बारे में पता चला था। भारत, पाकिस्तान से लेकर कई अफ्रीकी देशों में इसके मरीज पाए गए थे। इसके मरीज दूबले-पतले और कुपोषित होते हैं।
ये भी पढ़ें- कैंसर पीड़ित महिलाओं की सर्जरी के बाद भी बढ़ेगी उम्र
कैसा डायबिटीज है यह?
डायबिटीज का यह प्रकार उन लोगों में पाया जाता है, जो कुपोषित होते हैं। शरीर में पोषण की कमी से ही यह बीमारी होती थी और भारत भी एक समय पर कुपोषित देशों में शामिल रहा है। इस प्रकार के मधुमेह को जे टाइप डायबिटीज भी कहते हैं। टाइप-5 के लक्षण टाइप-1 और 2 से बिल्कुल अलग होते हैं। साथ ही इस प्रकार के डायबिटीज का कोई जेनेटिक कनेक्शन नहीं होता है।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
साल 2022 में CMC में डॉक्टर थॉमन और डॉक्टर सिद्धिदास गुप्ता ने अलबर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर मेरेडिथ हॉकिन्स के साथ मिलकर एक अध्ययन किया था, जिसमें शारीरिक रूप से टाइप-5 को टाइप 1 और 2 से अलग बताया गया है। इसमें इंसुलिन रेजिस्टेंस नहीं होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, कम वजन वाले बच्चों को टाइप-5 का डायबिटीज हो सकता है।
टाइप-5 डायबिटीज का कारण
मुख्यत: टाइप-5 डायबिटीज को ऑटोइम्यून डिजीज या मैलन्यूट्रिशन से संबंधित माना जाता है। नवजात शिशु जिन्हें डिलीवर के बाद सही पोषण नहीं मिलता है, उनके अंदर इस प्रकार का डायबिटीज हो सकता है। इन रोगियों में एंटीबॉडी भी नहीं होती है।
टाइप-5 डायबिटीज के संकेत
- कुपोषण
- ज्यादा भूख लगना।
- वजन कम होना।
- धुंधला आंखों का विजन।
- थकान और कमजोरी
- मधुमेह संबंधित घाव और संक्रमण
इलाज क्या है?
इस बीमारी के बारे में अभी और वैज्ञानिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है क्योंकि अभी इसका सही इलाज नहीं मिला है। बीमारी की पहचान की गई है लेकिन दुनियाभर के स्वास्थ्य कर्मचारी अब भी इसकी रोकथाम और बचाव के लिए अध्ययन कर रही है।
ये भी पढ़ें- छोटी उम्र में साइलेंट अटैक क्यों?
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।