Thyroid Disorders: थायरॉइड महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है। इस लाइफस्टाइल डिजीज के चलते महिलाओं में प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है, जिस कारण वे गर्भधारण करने में परेशानी महसूस करती है। दरअसल, महिलाओं में प्रेग्नेंसी की समस्या होने के पीछे सबसे बड़ा कारण हार्मोन्स का इंबैलेंस होना है। महिलाओं में हाइपोथायरॉइडिज्म सबसे आम प्रकार का थायरॉइड है, जिसमें आमतौर पर उनका वजन बढ़ता है। हाइपोथायरॉइडिज्म में महिलाओं को ओव्यूलेशन में भी प्रॉब्लम्स होती हैं। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉक्टर अर्चना जुनेजा, जो कि मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट हैं, हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में बताती हैं कि हाइपोथायरायडिज्म, जो अंडरएक्टिव थायरॉयड भी माना जाता है, इसमें महिलाओं का वजन बढ़ना, बाल झड़ना, थकान, ड्राई स्किन और अनियमित पीरियड्स जैसी प्रॉब्लम्स फेस करनी पड़ती हैं। इस थायरॉइड में महिलाओं का बांझ होना भी एक कॉमन प्रॉबल्म है। इसलिए वे कहती हैं, अगर कोई महिला गर्भवती नहीं हो पा रही है, तो एक बार अपना थायरॉइड टेस्ट जरूर करवाएं।
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हाइपरथायरॉयडिज्म भी गंभीर
हाइपरथायरॉइडिज्म जो कि थायरॉइड का दूसरा प्रकार है, इसमें भी महिलाओं में प्रजनन समस्याएं होती हैं। इसमें डॉक्टर कहती हैं, अगर कोई महिला इस थायरॉइड के लिए दवा का सेवन करती है, तो उन्हें प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि उनकी दवा की खुराक गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। साथ ही, डॉक्टर कहती हैं कि हाइपरथायरॉयडिज्म से पीड़ित महिलाओं को अपने पूरे प्रेग्नेंसी पीरियड में एंडोक्रिनोलॉजिस्ट से भी जांच करवाते रहना चाहिए।
रोकथाम के लिए क्या करें?
डॉक्टर अर्चना कहती हैं कि थायरॉइड पीड़ित महिलाएं गर्भधारण कर सकती हैं लेकिन उन्हें कुछ सावधानियों का पालन करना जरूरी है। उन्हें सबसे पहले तो अपने थायरॉइड को नियंत्रित करना होता है। इसका सबसे सही सुझाव यही है कि आप समय-समय पर अपनी थायरॉइड स्क्रीनिंग करवाते रहें और सही लाइफस्टाइल फॉलो करते रहें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।