Mental Health: पूरे शरीर की सेहत दिमाग की सेहत पर निर्भर होती है. व्यक्ति चाहे कितना ही स्वस्थ्य क्यों ना नजर आए अगर उसका दिमाग सेहतमंद नहीं होगा तो उसका स्वास्थ्य भी खराब रहने लगेगा. अच्छा महसूस ना करना, हर समय लो फील करना, किसी काम को करने की इच्छा ना होना, नर्व्स में दर्द होना, कुछ खाने का मन ना करना और वजन तेजी से घटना न्यूरोलॉजिकल हो सकता है. ऐसे में दिमाग की सेहत (Brain Health) सही रहे यह सुनिश्चित करना जरूरी है. लेकिन, कब हम अपने ही दिमाग के सबसे बड़े दुश्मन बन जाते हैं हमें पता नहीं चलता है. न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कतकोल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया है कि ऐसे कौनसे 3 काम हैं जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ते हैं. साथ ही, डॉक्टर ने इन आदतों को कैसे दूर किया जा सकता है इसके बारे में भी बताया है.
दिमाग की सबसे बड़ी दुश्मन हैं ये 3 आदतें
डॉक्टर का कहना है कि दिमाग के लिए सबसे बुरी 3 चीजें हैं कम्प्लेन, कंप्येर और क्रिटिसाइज करना. हमेशा शिकायत करना, खुद की किसी दूसरे से तुलना करना और खुद को हमेशा बुरा कहना ही हमारे दिमाग के लिए दुश्मन (Brain’s Worst Enemy) साबित होने वाले काम हैं.
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शिकायत करना – जब आप हमेशा ही शिकायत करते हैं तो आपका दिमाग सिर्फ प्रोब्लम्स ही देखता है. दिमाग कभी सोल्यूशन को तलाशता ही नहीं है.
तुलना करना – जब आप अपनी तुलना किसी दूसरे से करते रहते हैं तो आपका दिमाग एक भिखारी की तरह हो जाता है और खुद से बाहर की चीजों में खुशी ढूंढने की कोशिश करता है.
क्रिटिसाइज करना – खुद को हर समय क्रिटिसाइज (Criticize) करने या खुद की ही बुराई करते रहने से आपके अंदर नेगेटिविटी बढ़ना शुरू हो जाती है. आप अपना सबसे बुरा सेल्फ बन जाते हैं.
भगवद्गीता में लिखा है कि “आत्मैव हि ह्यात्मनो बन्धुः आत्मैव रिपुर् आत्मनः” यानी आपका दिमाग आपका सबसे अच्छा दोस्त भी हो सकता है और आपका सबसे बुरा दुश्मन भी.
किस तरह निकलें इन बुरे ख्यालों से
डॉक्टर बताते हैं कि इन बुरे ख्यालों से निकलने के लिए बस कुछ बातों को समझना और जीवन में उतारना जरूरी है. कल से कम्प्लेन (Complain) करने के बजाय यानी शिकायत करने के बजाय छोटी-छोटी चीजों के लिए शुक्रगुजार होना शुरू हो जाएं. छोटी-छोटी चीजों के लिए शुक्रिया कहें, चाहे वो सुबह की चाय ही क्यों ना हो.
खुद को कंपेयर करने के बजाय अपने मन की बातों को कागज पर लिखें. ऐसी एक चीज के बारे में लिखें जो आप अपनी जिंदगी में हासिल करना चाहते हैं और उसपर फोकस करें.
हर समय खुद को क्रिटिसाइज करने के बजाय किसी से कुछ अच्छा कहने की कोशिश करें, चाहे मुस्कुराकर गुड मॉर्निंग ही कह दें. डॉक्टर का कहना है कि अपने सोचने का ढंग बदलना जरूरी है.
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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.










