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Super Food: डॉक्टर मोटे अनाज के सेवन की सलाह क्यों देते हैं, क्या हैं इसके फायदे? जानें

लेख: डॉ. आशीष कुमार। मोटे अनाजों (coarse grains) के फायदों को लेकर देश के शीर्ष मंचों से चर्चा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। मोटे अनाज को ‘मिलेट्स’ या ‘श्रीअन्न’ (Millets or Shri Anna) के नाम से भी जाना जाता है। ज्वार, बाजरा, […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Mar 31, 2023 12:42
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mote anaj ke fayde

लेख: डॉ. आशीष कुमार। मोटे अनाजों (coarse grains) के फायदों को लेकर देश के शीर्ष मंचों से चर्चा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। मोटे अनाज को ‘मिलेट्स’ या ‘श्रीअन्न’ (Millets or Shri Anna) के नाम से भी जाना जाता है।

ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कूटू आदि मोटे अनाज हैं। इनमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। पुराने समय में इन अनाजों का इस्तेमाल दैनिक भोजन में किया जाता था।

प्रकृति के साथी मोटे अनाज
मोटे अनाज भारत की पर्यावरण पारस्थितिकी के अनुसार भी ज्यादा अनुकूल हैं। ये प्रकृति के साथी हैं। इनकी पैदावार में धान या गेंहू के मुकाबले कम पानी की आवश्यकता होती है। एक किलो धान पैदा करने के लिए लगभग 4 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जबकि मोटे अनाज कम पानी में भी अच्छी पैदावार देते हैं।

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इनकी फसलों में केमिकल फर्टिलाइजर यूरिया आदि की भी आवश्यकता नहीं होती हैं। ये कम उपजाऊ भूमि में भी अच्छी पैदावार देते हैं। साथ ही, इन फसलों की देखरेख के लिए किसानों को कम मेहनत करनी पड़ती है।

श्रीअन्न की दो कैटेगरी
श्रीअन्न को आकार के आधार पर दो कैटेगरी में रखा जाता है। बारीक श्रीअन्न, जिसमें कोदो, चीना, कंगनी, रागी, सांवा, कुटकी आदि शामिल हैं। बाजरा, ज्वार मोटे दाने वाले श्रीअन्न हैं। ज्वार, बाजरा में फूड फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है।

इसलिए डॉक्टर देते हैं मोटेअनाज के सेवन की सलाह
मोटे अनाजों में उपस्थित फाइबर की मात्रा मनुष्य के पाचन तंत्र को दुरस्त रखती है। इनमें आयरन और कैल्सियम की मात्रा भी भरपूर पायी जाती है। जिन लोगों को दूध अपच की शिकायत रहती है, उन लोगों के लिए मोटे अनाज कैल्सियम पूर्ति में सहायक हो सकते हैं। जिनको ग्लूटन एलर्जी होती है, उन्हें डॉक्टर द्वारा मोटे अनाज के सेवन की सलाह दी जाती है।

कंट्रोल रहता है कोलेस्ट्रोल
मोटे अनाजों में विटामिन ‘बी’ अच्छी मात्रा मिलता है। बाजरा में बी-3 यानी ‘नियासिन विटामिन’ पाया जाता है। नियासिन शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने का काम करता है। ट्राइग्लिसराइड्स हार्ट अटैक के खतरों को बढ़ाते हैं।

मोटे अनाजों के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा नियंत्रित रहती है। रागी और ज्वार मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। ये शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स के अवषोषण की गति धीमा कर देते हैं। इन अनाजों का ‘जीआई’ यानी ‘ग्लाइसेमिक इंडेक्स’ कम होता है।

टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण
ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह बताता है कि खाया गया भोजन कितनी जल्दी खून में शर्करा की मात्रा को बढ़ाता है। मोटे अनाज टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी होते हैं।

मोटे अनाजों के फायदों को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये ‘सुपर फूड’ हैं। इनका प्रयोग मौसमानुसार दैनिक भोजन में दलिया, खिचड़ी, रोटी आदि बनाकर किया जा सकता है। मोटे अनाजों के फायदों को देखते हुए बाजार में इनकी मांग बढ़ रही है। मोटे अनाजों के अनेक उत्पाद बाजार में मौजूद हैं।

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मोटे अनाजों के फायदे (Mote Anaj Ke Fayde)

  • हड्डियों की मजबूती।
  • कैल्शियम की कमी से बचाव।
  • पाचन दूरुस्त करने में मदद।
  • वजन को कंट्रोल रखने में सहायक।
  • एनीमिया का खतरा कम होता है।
  • डायबिटीज रोगियों के लिए लाभकारी।
  • शरीर को रखता है गर्म।
  • दिल के लिए भी अच्छे होते हैं।

मोटे अनाज: पीएम मोदी भी देते हैं सेवन की सलाह

मोटे अनाजों के प्रमोशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से आगे आते रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने सांसदों के लिए आयोजित विशेष भोज में भी उन्हें मोटे अनाज के सेवन की सलाह दी थी। इतना ही नहीं ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में उन्होंने मिलेट्स के प्रति लोगों को जागरुक करने का काम किया है। सबसे खास बात ये कि उन्होंने भारत में आयोजित होने वाली जी-20 की बैठकों में शामिल होने वाले मेहमानों को मोटे अनाजों से बने व्यंजन खिलाने का सुझाव दिया है।

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First published on: Mar 30, 2023 09:59 PM

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