Side Effects of Vaping: वेपिंग आने के बाद शुरुआत में ऐसा माना जाता था कि ये आम सिगरेट के बेहतर विकल्प बन सकते हैं। आज भी कई लोग ऐसा मानते हैं कि सिगरेट से जो नुकसान होंगे, वेपिंग उन्हें खत्म करने के लिए बेहतर है। हालांकि, कई रिसर्चों से पता चला है कि वेप भी सुरक्षित नहीं है, यह भी एक खतरनाक और जानलेवा ट्रेंड है। इसका जीता जागता नमूना है अमेरिका की यह महिला, जिसके फेफड़ों से 2 लीटर जहरीला लिक्विड पदार्थ निकाला गया जो कि वेप से बना था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अमेरिका की 32 वर्षीय महिला को वेपिंग की लत इतनी तेजी से लग गई कि उसने टीनएज में ही स्मोक करना शुरू कर दिया था। वह हर दिन 500 रुपए सिर्फ धूम्रपान पर खर्च करती थी। उसे बिना वेप के नींद तक नहीं आती थी। अचानक तबीयत बिगड़ने और सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया था, वहां उसे पता चला कि उसके फेफड़े बुरी तरह से डैमेज हो चुके हैं। डॉक्टर्स ने उसके फेफड़े से लाल और काले रंग का पदार्थ निकाला था।
वेपिंग के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
फेफड़ों के लिए खतरनाक
वेप करने से केमिकल्स धुएं के जरिए फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। यह धुंआ फेफड़ों में सूजन पैदा करता है जो आगे चलकर सेहत को नुकसान पहुंचाने लगता है। इससे ब्रॉन्काइटिस, अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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कैंसर का रिस्क
हालांकि, इसका कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, मगर वेपिंग माउथ कैंसर या गले के कैंसर का कारक हो सकता है। वेपिंग के इस्तेमाल से भी शरीर के अंदर ऐसे टॉक्सिक पदार्थ जा सकते हैं, जो कैंसर कारक होते हैं। एक हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार ई-सिगरेट से डेथ रेट भी बढ़ा है।
हार्ट हेल्थ
वेपिंग और सिगरेट पीने वाले ऐसे इलेक्ट्रिक डिवाइस ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। स्मोकिंग छोड़ने के प्रयास में अपनाए गए इस तरीके से चेस्ट पेन का खतरा बढ़ रहा है। रोज वेप करने से कार्डियक अरेस्ट, हार्ट स्ट्रोक या हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है।
निकोटीन की लत
वेप में भी निकोटीन होता है। इसकी लत हानिकारक होती है। निकोटीन तंबाकू होता है, इसे किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं माना जा सकता है। चार दिनों तक लगातार निकोटीन के तत्व शरीर के अंदर महीनों तक रहते हैं, 10 दिन मूत्र में, 3 हफ्ते शरीर में तथा 3 महीने तक बालों में। निकोटीन ब्रेन हेल्थ को भी प्रभावित करता है।
खांसी की समस्या
अमेरिकी हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार, वहां खांसी के मामले लगभग वेपिंग से ही आते हैं। जिनमें 9% युवा और 28% मामले स्कूल के बच्चों के होते हैं। वेपिंग से टीबी की समस्या हो सकती है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें।News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।