Shibu Soren Death: दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने आज अंतिम सांस ली। 81 साल की आयु में दिग्गज नेता की मौत की वजह किडनी एलमेंट बताई जा रही है। इसका मतलब होता है कि उन्हें किडनी से संबंधित कोई बीमारी हुई थी। दरअसल, इस बारे में अस्पताल ने खुद विज्ञपति जारी कर दुख प्रकट किया है। वे दिल्ली में 19 जून से भर्ती थे जबकि इससे पहले उनका इलाज झारखंड के एम्स में चल रहा था।
किडनी की कौन-कौन सी बीमारियां खतरनाक है?
बता दें कि शिबू सोरेन को किडनी डिजीज के चलते ब्रेन स्ट्रोक आया था जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया था। हालांकि, उनकी सेहत में सुधार देखा गया था लेकिन फिर भी पिछले 2 दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे।
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ये हैं किडनी की सबसे खतरनाक बीमारी?
- क्रॉनिक किडनी डिजीज
किडनी की यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और उसकी कार्यक्षमता बहुत कमजोर हो जाती है। इसके होने के कई कारण जैसे कि डायबिटीज, हाई बीपी और ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस यानी किडनी में सूजन या फिर बार-बार पेनकिलर लेने से होती है। इसके लक्षणों में थकान, कमजोरी और पैरों के टखनों में सूजन और भूख न लगना।
- एक्यूट किडनी डिजीज
किडनी की इस बीमारी में लक्षण समय से न ध्यान दिया जाए तो बीमारी गंभीर हो सकती है और जान जा सकती है जबकि ये बीमारी पूरी तरह दूर हो सकती है अगर इलाज समय पर मिल जाए। इसमें हमारी किडनी पूरी तरह काम करना बंद कर देती है। इसके कई कारण होते हैं जैसे कि डिहाइड्रेशन, हैवी डोज मेडिसिन्स और इंफेक्शन होना। हार्ट अटैक के बाद किडनी की यह बीमारी हो सकती है।
- पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज
यह किडनी की ऐसी बीमारी होती है जो पारिवारिक मानी जाती है। जेनेटिकस में मिली इस बीमारी के लक्षणों में पेट और कमर में दर्द होना, पेशाब में खून आना, हाई बीपी और सिरदर्द होता है। इसमें किडनी में एकसाथ बहुत सारी गांठें बन जाती हैं।
Shri Shibu Soren Ji was a grassroots leader who rose through the ranks of public life with unwavering dedication to the people. He was particularly passionate about empowering tribal communities, the poor and downtrodden. Pained by his passing away. My thoughts are with his…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2025
किडनी की बीमारी से बचाव के उपाय
- इसके लिए आपको सबसे पहले अपने बीपी और शुगर को कंट्रोल में रखना चाहिए।
- आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- पेशाब के रंग पर ध्यान दें, बहुत ज्यादा गाढ़ा भी पेशाब का संकेत है।
- पेनकिलर्स का सेवन कम से कम करना चाहिए।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना जरूरी है।
- हेल्दी डाइट का सेवन करें, कम से कम नमक और प्रोसेस्ड मीट्स खाएं।
- हर साल में एक बार किडनी की जांच जरूर करवाएं।
कब करवाएं इलाज?
- लक्षण दिखाई देने के बाद एकबार इलाज जरूर करवाएं।
- अगर मरीज के यूरिन में प्रोटीन आ रहा हो।
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