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हेल्थ

क्या ज्यादा पसीना आने वाले लोगों को कम नमक खाना चाहिए? डॉक्टर इस पर क्या सलाह देते हैं?

Salt Intake Per Day: नमक खाना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है लेकिन कितना खाना? क्या जिन्हें ज्यादा पसीना आता है, उन्हें नमक कम खाना चाहिए? आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Aug 2, 2025 11:02

Salt Intake Per Day: पसीना आना एक सामान्य शारीरिक गतिविधि होती है। किसी को पसीना कम आता है तो किसी को इतना ज्यादा कि सर्दियों में भी धूप में बैठना इनको भारी पड़ जाता है। कुछ रिपोर्ट्स बताती है कि नमक ज्यादा खाया जाए तो पसीना बहुत आता है मगर क्या यह सच है? नमक सिर्फ हमारे खाने का स्वाद नहीं बढ़ाती है। ये हमारी सेहत के लिए भी बहुत जरूरी होता है। नमक कई प्रकार के होते हैं, आमतौर पर 3 तरह के नमक लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं।

हालांकि, पहले लोग सफेद नमक ही खाते थे, मगर सोशल मीडिया ने सेंधा नमक और काला नमक को भी बहुत ज्यादा फायदेमंद बताते हुए लोगों को इन्हें रोजाना खाने के लिए मजबूर कर दिया है। बता दें कि ये दोनों नमक भी हमारी सेहत के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन क्या सफेद की जगह रोज इन्हें खाना सही है? आइए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट से।

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पसीना आने वाले लोगों को कितना नमक खाना चाहिए?

डॉक्टर सुकृति बताती हैं कि प्रतिदिन 5 ग्राम से ज्यादा नमक किसी को भी नहीं खाना चाहिए। वह बताती हैं कि WHO ने ही एक व्यस्क महिला और पुरुष को प्रतिदिन 5 ग्राम नमक खाने की सलाह दी है। हां, मगर कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में नमक की मात्रा को कम या ज्यादा किया जा सकता है लेकिन ऐसा सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर होना चाहिए। एक्सपर्ट बताती हैं कि नमक कोई भी हो, 5 ग्राम से अधिक किसी को भी रोजाना नहीं खाना चाहिए।

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क्या सेंधा नमक से बेहतर है साधारण नमक?

सेंधा नमक और काला नमक, साधारण नमक की तुलना में ज्यादा फायदेमंद माने जाते हैं लेकिन इन्हें रोज नहीं खाना चाहिए। आकाश हेल्थकेयर की कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर सुक्रिती भल्ला बताती हैं कि भारत में सफेद नमक के लिए क्रांति हुई थी। इसकी वजह यह थी कि यहां के लोगों में थायरॉइड की बीमारी बढ़ने लगी थी। ऐसे इसलिए क्योंकि लोगों के शरीर में आयोडीन की कमी होती थी और इसकी पूर्ति सफेद नमक कर सकता है।

वहीं, सेंधा नमक मैग्नीशियम, पोटेशियम और फॉसफोरस जैसे मिनरल्स से भरपूर होता है। काला नमक पाचन के लिए बेहतर नमक माना जाता है। काला नमक बीपी को भी कम रखता है लेकिन इसके बाद भी लोगों को सफेद नमक से इन्हें रिपलेस नहीं करना चाहिए। काला नमक खाने से एसिडिटी, गैस और अपच की समस्याएं दूर होती हैं। सेंधा नमक स्ट्रेस कम करता है।

क्यों नमक नहीं बदलना चाहिए?

डॉक्टर कहती हैं कि नमक हमारे शरीर को संतुलित रखता है। शरीर के हर अंग की सेहत में नमक की भूमिका होती है, ऐसे में अगर हम अचानक नमक को बदल देते हैं तो यह नुकसानदायक हो सकता है। अगर हमें नमक बदलना भी है तो धीरे-धीरे नमक का बदलाव करें। अपने पुराने नमक से पूरी तरह परहेज भी खतरनाक हो सकता है। इस बात का विशेष ध्यान किडनी के मरीजों, हाई बीपी के मरीजों और थायरॉइड पेशेंट्स को रखना चाहिए।

कैसे खाएं नमक?

एक्सपर्ट कहती हैं कि नमक का सही माप करने के लिए आपको टी-स्पून की मदद लेनी चाहिए। एक सामान्य टी-स्पून 5 ग्राम के बराबर होता है। 5 चुटकी नमक भी 5 ग्राम के बराबर होता है। आप अगर नमक बदलना चाहते हैं तो हफ्ते में 2 दिन एक प्रकार का नमक और 2 दिन अलग प्रकार का नमक खा सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि आप दोनों नमक को मिलाकर खा सकते हैं।

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First published on: Aug 02, 2025 11:02 AM

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