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ब्रेस्ट कैंसर के बाद प्रेग्नेंसी में आती है दिक्कत? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Pregnancy After Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर प्रकार का कैंसर है, जो कि महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। कैंसर ट्रीटमेंट के बाद शरीर को कई प्रकार के नुकसान होते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के बाद बेबी प्लान कर सकती हैं? जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Mar 2, 2025 11:00
Pregnancy After Breast Cancer
Pregnancy After Breast Cancer

Pregnancy After Breast Cancer: कैंसर गंभीर प्रकार का रोग है, जो कई कारणों से हो सकता है। यह एक जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज मौजूद है, लेकिन फिर भी इससे रिकवर होने की संभावनाएं कम रहती हैं। कैंसर का इलाज करवाते समय कई तरह की रेडिएशन थेरेपी करवानी पड़ती है, जैसे कि कीमोथेरेपी या फिर मेमोग्राफी आदि। ब्रेस्ट कैंसर, कैंसर का एक घातक प्रकार है। इस कैंसर से बचाव मुश्किल होता है और यह महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। ब्रेस्ट कैंसर भारत में भी सक्रिय है। इस कैंसर का इलाज करवाने में थेरेपी और हैवी डोज मेडिसिन्स खाई जाती हैं। इससे रिकवर होने के बाद क्या प्रेग्नेंसी में किसी प्रकार की समस्या हो सकती है? चलिए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में ब्रेस्ट कैंसर के हेड डॉक्टर मंदार नदकारणी ने राज शमामी के पॉडकास्ट शो में बताते हैं कि कैंसर कोई भी प्रकार का हो गंभीर है और इसके दोबारा एक्टिव होने के भी चांसेस रहते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंट होना नामुमकिन नहीं हैं लेकिन गर्भधारण के लिए कई फैक्टर्स हैं, जिनका ध्यान रखने की जरूरत होती है।

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बेबी प्लानिंग में दिक्कत कैसे?

हालांकि, डॉक्टर मंदार कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के बाद बेबी प्लानिंग करने में कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन कैंसर का इलाज करवाते समय कीमोथेरेपी और अन्य थेरिपीज का साइड-इफेक्ट फीमेल फर्टिलिटी पर होता है। रेडिएशन का असर ऐसा होता है कि ओवेरियन सप्रेशन हो जाता है। कई बार फर्टिलिटी प्रॉब्लम्स इन वजहों से ही होती हैं। कीमोथेरेपी के साइड-इफेक्ट में पीरियड्स का रुकना भी शामिल होता है, जिस वजह से उन्हें इंफर्टिलिटी का सामना करना पड़ता है।

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गर्भधारण से पहले क्या जरूरी?

हालांकि, डॉक्टर कहते हैं कि अगर फीमेल पेशेंट शादीशुदा नहीं है, तो इलाज से पहले ही उनके एग्स को फ्रीज करवा दिया जाता है, या फिर जिनकी कुछ समय पहले शादी हुई है, जो उम्र में कम होते हैं, उनके भी एग्स को फ्रीज करवाया जाता है। इस केस में महिला के पति के स्पर्म्स को भी फ्रीज करके रखा जाता है। अगर कोई शादीशुदा या फिजिकली नॉन-एक्टिव फीमेल हैं, तो उसके एग्स को फ्रीज सिर्फ एक लिमिटेड टाइम तक किया जा सकता है। इसलिए, कई बार इन्हें कुछ मेडिकेशन्स दी जाती हैं, जिससे ओवेरियन सप्रेशन हो जाए और इलाज के दौरान इनकी फर्टिलिटी पर कोई असर न पड़े।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Mar 02, 2025 11:00 AM

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