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No Smoking Day 2025: पति की सिगरेट का पत्नी की प्रेग्नेंसी पर क्या असर? धुआं बच्चे के लिए कितना खतरनाक

अक्सर आपने देखा होगा कि घर में पति या कोई और सिगरेट पीता है, जिसका असर उन्हें तो होता ही है, लेकिन उसके साथ-साथ घर के अन्य लोगों पर भी होता है। हम आपको प्रेग्नेंसी में सेकेंड हैंड स्मोकिंग के नुकसानों के बारे में बता रहे हैं।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Mar 12, 2025 10:09
No Smoking Day 2025
No Smoking Day 2025

No Smoking Day 2025: स्मोकिंग करना हर किसी के लिए हानिकारक होता है। धूम्रपान से लंग के गंभीर इंफेक्शनों के साथ-साथ कैंसर का भी कारण होता है। गर्भावस्था के दौरान, प्रेग्नेंट महिला को सिगरेट पीने के लिए मना किया जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि सेकेंड हैंड स्मोकिंग से भी गर्भवती महिला और उसके बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है? जी हां, अक्सर घर में जो मर्द होते हैं, उन्हें स्मोकिंग की आदत होती है। ऐसे में यदि घर में कोई गर्भवती महिला है, तो उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। नो स्मोकिंग डे के अवसर पर जानिए गर्भावस्था में सिगरेट न पीने के बाद भी कैसे उन्हें इसका धुंआ जोखिमों में डाल सकता है।

Pregnancy का सेकेंड हैंड स्मोकिंग का संबंध क्या?

मारेंगो एशिया अस्पताल, फरीदाबाद के एसोसिएट डायरेक्टर-प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्वेता मेंदीरत्ता बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान सेकेंड हैंड धूम्रपान यानी दूसरों के द्वारा धूम्रपान से निकले धुएं के संपर्क में मां और शिशु के आने से क्या गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। इस धुएं में निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य हानिकारक रसायन होते हैं, जो बच्चे के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

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विस्तार से समझते हैं मां और बच्चे की सेहत पर पड़ने वाले इसके जोखिमों के बारे में

Pregnant लेडी को क्या-क्या रिस्क

अगर गर्भवती महिला सेकेंड हैंड धूम्रपान के संपर्क में आती है, तो उसे हाई बीपी, ऑक्सीजन की कमी और मिसकैरेज से लेकर मृत शिशु जन्म, जिसे स्टिलबर्थ कहते हैं, जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन प्लेसेंटा (गर्भ का एक अंग) के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे भ्रूण का विकास बाधित होता है। इसके अलावा, सेकेंड हैंड स्मोकिंग से गर्भवती महिला की समय से पहले डिलीवरी यानी Premature Delivery हो सकती है, जिससे बच्चे का वजन कम रह जाता है और दोनों को अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

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बच्चे की सेहत पर कैसा असर?

सेकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने वाले बच्चों को जन्म दोष, सांस से संबंधित समस्याएं और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS, Sudden Infant Death Syndrome) होने का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट में मौजूद जहरीले तत्व बच्चे के लंग्स के विकास को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे जन्म के बाद उसे अस्थमा, निमोनिया और अन्य रेस्पिरेटरी संक्रमण के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। शोध से यह भी पता चला है कि गर्भ में धूम्रपान के धुएं के संपर्क में आने से बच्चे में मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

Pollution Impact on Pregnancy

photo credit-freepik

गर्भावस्था में कैसे मां और शिशु का रखें ख्याल?

मां और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए गर्भवती महिलाओं को धूम्रपान वाले स्थानों से बचना चाहिए। परिवार के सदस्यों और करीबी लोगों को भी धूम्रपान की आदत छोड़ने या गर्भवती महिला के आसपास धूम्रपान न करने की कोशिश करनी चाहिए। घर और दफ्तरों को भी धूम्रपान मुक्त बनाकर सेकेंड हैंड स्मोकिंग के रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इन कुछ आसान और अहम कदमों की मदद से गर्भवती महिला और उसके बच्चे पर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। ध्यान रहे, गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को खुद कभी भी सिगरेट या किसी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

First published on: Mar 12, 2025 10:09 AM

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