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Nipah Virus Explained: 1998-99 में आया वायरस फिर से बना सिरदर्द, जानवरों से इंसानों में पहुंचकर कैसे बन रहा जानलेवा?

Nipah Virus Explained: एक बार फिर से निपाह वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। बीते दिन इस वायरस से देश में एक और मौत हो गई है। वायरस बचने के लिए क्या करें और यह कैसे फैलता है, इसके बारे में जानना जरूरी है। साथ ही ये भी जानें की सरकार ने इसके लिए क्या गाइडलाइन्स भी जारी की हैं?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 14, 2025 13:51
Nipah Virus
Photo Credit- News24GFX

Nipah Virus Explained: भारत में निपाह वायरस का खतरा एक बार फिर से बढ़ने लगा है। बीते साल की तरह ही इस बार भी केरल में इस वायरस के केस सामने आए हैं। अब तक वहां पर दो मरीजों की मौत हो चुकी है। इस वायरस के मामले 1998 से लेकर लगभग हर साल सामने आते हैं। भले ही अब निपाह वायरस के केस केरल में सामने आ रहे हैं, लेकिन देश में सबसे पहला मामला पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सामने आया था। इस वायरस की शुरुआत कहां से हुई और भारत में इसका पहला केस कब आया था? इससे जुड़े हर सवाल का जवाब आपको यहां मिल जाएगा।

वायरस का इतिहास क्या है?

निपाह वायरस कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि 1998 से चला आ रहा वायरस है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी शुरुआत मलेशिया और सिंगापुर से हुई थी। इस वायरस को सितंबर 1998 से मई 1999 तक के बीच डिटेक्ट किया गया था। उस दौरान, निपाह वायरस के 276 मामले सामने आए थे।

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भारत में कब मिला था पहला केस?

निपाह वायरस (NiV) सबसे पहले 1998-99 के बीच पहचान में आया। वहीं, भारत में इसका पहला केस पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में 2001 में मिला था। इसके बाद पश्चिम बंगाल के नादिया में साल 2007 में भी वायरस का एक अन्य केस दर्ज किया गया था। भारत में वायरस मिलने की रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं। 

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नए और शुरुआती केसों में क्या समानता है?

पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक के बाद एक वायरस के केस बढ़ते गए। रिपोर्ट में करीब 66 केसों का जिक्र किया गया है, जिसमें बताया गया कि ‘जो लोग इस वायरस से संक्रमित हुए थे, उन सभी की उम्र 15 साल से ज्यादा थी। वर्तमान में जो केरल में केस देखने को मिल रहे हैं, उसमें भी ज्यादातर इसी ग्रुप के लोग बीमार हुए हैं।’ इससे कहा जा सकता है कि ये वायरस ज्यादातर 15 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों पर जल्दी अटैक करता है।

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निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं?

निपाह वायरस के फैलने का पीरियड 4 से 21 दिनों का बताया गया है। इसमें आपको शुरुआती लक्षण बहुत साधारण से दिखाई देंगे, जो आमतौर पर बुखार में होते हैं। उल्टी, सांस फूलना, सिरदर्द, हल्का बुखार, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, दौरे पड़ना और थकान जैसे लक्षण दिख जाते हैं। वहीं, अफ्रीका में मिले वायरस के लक्षणों में दिमागी सूजन भी देखने को मिली थी।

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सिलीगुड़ी के मरीजों में क्या लक्षण दिखे थे?

भारत में जब शुरुआती केस सामने आए थे, तब उस दौरान कई अलग लक्षण देखने को मिले थे। रिपोर्ट में बताया गया कि ‘सिलीगुड़ी के मरीजों में उस समय बुखार 100 फीसदी लोगों में दिखा था। वहीं, सिरदर्द और मासपेशियों में दर्द की समस्या 57 फीसदी लोगों में देखने को मिली। उल्टी की समस्या 19 फीसदी तक दिखी थी।

कुछ बॉडी पार्ट्स में बदलाव देखने को मिला, जिसमें कोमा जैसी स्थिति 97 फीसदी थी। इसके अलावा, सांस से जुड़ी समस्याएं भी 51 फीसदी तक देखने को मिलीं। शरीर में ऐंठन की परेशानी करीब 43 फीसदी दर्ज की गई।

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अफ्रीकी बंदरों के दिमाग में मिला था वायरस

द जनरल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के मुताबिक, बंग्लादेश में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ अफ्रीकी बंदरों पर जांच की गई। इसके लिए बंदरों के दिमाग पर प्रयोग किया गया था, जिसमें वायरस के लक्षण देखने को मिले थे। ये वही लक्षण थे, जो इंसानों में मिले थे।

किन चीजों से फैलता है वायरस?

कोरोना निपाह के फैलने का मुख्य जरिया चमगादड़, घोड़े, पिग और कुत्ते जैसे जीव हो सकते हैं। इनके संपर्क में आने के बाद इंसान भी वायरस की चपेट में आ सकता है, जो उनके लिए कभी-कभी जानलेवा साबित होता है।

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इंसानों तक कैसे पहुंचता है?

सबसे पहले यह जानवरों में फैलता है, जिनके संपर्क में आने वाले इंसान भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। इंसानों में संक्रमित चमगादड़, घोड़े या पिग के द्वारा छुए गए फलों को खाने से फैल सकता है। जैसे चमगादड़ पेड़ों पर होते हैं, ऐसे में वे पेड़ पर लगे फलों पर अपनी बीमारी छोड़ सकते हैं, जिसे किसी इंसान के खाने से उसमें पहुंच जाती है। इस तरह से ये इंसानों के जरिए आगे इंसानों में फैलती जाती है।

वायरस से बचाव कैसे किया जाए?

इस वायरस से बचाव के लिए कई तरीके बताए गए हैं। सबसे जरूरी साफ-सफाई पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। अगर वायरस से बचना है, तो किसी भी जानवर के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को एक बार जरूर धुलें। अगर फल खा रहे हैं, तो उन्हें भी इस्तेमाल से पहले अच्छे से धुलें। जमीन से निकले आधे पके फल खाने से बचने की सलाह दी जाती है। गांव में कुएं बने होते हैं, जो कई बार खाली होते हैं, उनमें न जाने की सलाह दी जाती है।

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मौत के बाद किन बातों का रखना चाहिए ध्यान?

जिस शख्स की निपाह वायरस से मौत होती है, उसके परिवार पर खास ध्यान दिया जाता है। दरअसल, उनके परिवार को भी इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहता है। यहां तक कि इस वायरस से जिन लोगों की मौत हो जाती है, उनके शवों को भी नॉर्मल शवों की तरह नहीं रखा जाता है। उसके लिए भी सरकारी गाइडलाइन्स बताई गई है।

शवों को जब मरने वालों का परिवार लेकर जाता है, तो उनको भी अनुष्ठानों में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इससे परिवार के सदस्य संक्रमण से बच सकते हैं। यानी शवों का किस तरह से दाह संस्कार करना है इसके लिए सरकारी सलाह मानने की सलाह दी गई हैं।

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अभी भारत में क्या है वायरस की स्थिति?

कोरोना के बढ़ते केसों के बीच भारत में अब निपाह वारस का खतरा भी बढ़ने लगा है। केरल के पलक्कड़ में इस वायरस से पीड़ित एक शख्स की मौत हो गई है। इस वायरस से होने वाली ये दूसरी मौत है। इसको देखते हुए उन लोगों की एक लिस्ट जारी की गई, जो इस शख्स के संपर्क में आए हैं। इसके लिए CCTV और उन लोगों की लोकेशन के हिसाब से उन्हें ट्रैक किया जा रहा है।

क्या गाइडलाइन्स जारी की गईं?

निपाह वायरस के मामले और अधिक न बढ़ें, इसके लिए राज्य सरकार ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं। खतरे को देखते हुए करीब 6 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। इसमें से पलक्कड और मलप्पुरम जिलों के लोगों से मास्क पहनने की अपील की गई है, साथ ही जितना हो सके उतना अस्पतालों से दूर रहने की अपील भी की गई है। बहुत जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल जाने की बात कही गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब 553 लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई है।

First published on: Jul 14, 2025 01:51 PM

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