MPox Alert: भारत में पहले एमपॉक्स मामले की पुष्टि होने के बाद से ही बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने इस वायरल बीमारी के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए प्रोटोकॉल्स बढ़ा दिए हैं। हर दिन लगभग 2,000 यात्रियों की जांच की जा रही है। एयरपोर्ट अधिकारी इस वायरस को कर्नाटक में फैलने से रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। अगर टेस्ट पॉजिटिव पाए गए तो 21 दिनों के क्वारंटीन और आइसोलेशन से गुजरना होगा। ये नियम कोविड-19 जैसे नियमों के समान ही हैं।
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एयरपोर्ट अधिकारी ने क्या कहा?
बेंगलुरु हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने हाल ही में एक मीडिया प्रवक्ता से बातचीत में बताया कि वे देश को एक और बार किसी भी महामारी की चपेट में नहीं आने देना चाहते हैं, इसलिए समय रहते ही एयरपोर्ट अधिकारी सभी नियमों का पालन शुरू कर रहे हैं।
अनिवार्य होगा 21 दिन का क्वारंटीन
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और सामान्य जन की सुरक्षा के लिए उस वक्त भी 21 दिनों का क्वारंटीन नियम बनाया गया था। इस वायरस को लेकर लापरवाही वापस कोरोना जैसा रूप न लें ले, इसके लिए पहले से ही 21 दिनों का क्वारंटीन रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जरूरी कर दिया गया है। इतने दिनों के समय में प्रभावित मरीज की जांच और टेस्टिंग सब कुछ सही से किया जा सकेगा। इतने समय में स्वास्थ्य अधिकारी मरीज के केस को स्टडी कर सकेंगे और पर्याप्त निगरानी रख पाएंगे। इस तर्ज पर ही बेंगलुरु हवाई अड्डे ने एमपॉक्स स्क्रिनिंग का फैसला लिया है। ऐसा करने से एमपॉक्स फैलने का जोखिम कम होगा।
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर क्या तैयारी है?
बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग प्रक्रिया के तहत सभी विदेशी यात्रियों का हाई टेम्परेचर चेक किया जाएगा। यदि कोई संदिग्ध पाया जाता है, तो एयरपोर्ट पर ही तैयार किए गए आइसोलेशन जोन में उसे आइसलेट किया जाएगा। वहीं, आगे की मेडिकल जांचें शुरू की जाएंगी। एयरपोर्ट प्रवक्ता ने यात्रियों से भी एयरपोर्ट कर्मचारियों के साथ जांच में सहयोग का आग्रह किया है।
भारत के अन्य एयरपोर्ट्स पर क्या तैयारी है?
केंद्र सरकार ने एमपॉक्स को लेकर हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए राज्यों से अपने एयरपोर्ट्स पर निगरानी बढ़ाने की सलाह दी थी। साथ ही मामलों को जल्द समझकर तुरंत इलाज शुरू करने के आदेश दिए हैं।
भारत में किस वेरिएंट का ज्यादा खतरा?
देश में अब तक एक 26 साल के युवा मरीज की पुष्टि की गई है, जो हरियाणा का रहने वाला है। इस मरीज में एमपॉक्स के वेरिएंट क्लैड-2 के लक्षणों की पहचान की गई है। हालांकि, एमपॉक्स के कई वेरिएंट है लेकिन भारत की बात करें, तो एक्टिव केस में इस वेरिएंट को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
एमपॉक्स क्या है?
एमपॉक्स एक नया वायरस है जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। इस वायरस का सबसे पहला मामला अफ्रीका में पाया गया था। फिलहाल, दुनिया के कई देशों में इसके मरीजों की पुष्टि हो रही है।
एमपॉक्स के शुरुआती लक्षण ऐसे होते हैं
- बुखार
- शरीर पर दाने निकलना
- लिम्फ नोड्स में सूजन
- सिरदर्द
- पीठ और मांसपेशियों में दर्द
- थकावट महसूस करना
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