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छोटे बच्चों में फैल रही है मुंह के छालों की बीमारी, इन राज्यों में मिले मामलें, जानें कारण, लक्षण और बचाव

Mouth Infection Symptoms: छोटे बच्चों के मुंह में छालों की समस्या धीरे-धीरे एक गंभीर बीमारी बन रही है। सिर्फ इतना ही नहीं, यदि ये परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है तो बच्चे के पूरे शरीर में छाले हो जाते हैं। दिल्ली और कोलकाता के स्कूलों में इस बुखार के मरीज लगातार मिल रहे हैं, जिस वजह से अभिभावकों के अंदर चिंता बढ़ गई है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सब कुछ।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 22, 2025 14:35

Mouth Infection Symptoms: इन दिनों देश के कुछ राज्यों में स्कूल के बच्चों के अंदर एक अजीब सी बीमारी फैल गई है। इसमें बच्चों के मुंह में छाले हो जाते हैं। छालों की ये बीमारी इतनी गंभीर है कि इलाज के लिए बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। ये बीमारी सिर्फ मुंह के छालों तक सीमित नहीं है, जब ये आक्रामक रूप लेती है तो छालों की समस्या मुंह के साथ-साथ हाथों और पैरों में भी हो जाती हैं। कोलकाता और दिल्ली के स्कूल के बच्चे इस संक्रमण से सबसे ज्यादा पीड़ित पाए जा रहे हैं। चलिए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सब कुछ।

क्या है ये माउथ डिजीज?

दिल्ली-कलकत्ता में फैली ये बीमारी HFMD बताई जा रही है। इसमें बच्चे को शुरुआती लक्षण में मुंह में छाला होता है। इसके बाद शरीर के अन्य अंगों पर छालों के साथ तेज बुखार और गले में खराश होती है। कई बार बीमारी गंभीर होने पर बच्चे के दिमाग पर भी असर करती है, जिस वजह से चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने भी इस बीमारी के लिए चेतावनी जारी की है। इसमें बच्चों के माता-पिता से अनुरोध किया गया है कि वे समय रहते लक्षणों को समझें और बच्चे को अलग रखें। उनके संपर्क में आने से दूसरों को भी इंफेक्शन हो सकता है।

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10 दिनों तक ठीक नहीं होती बीमारी

डॉक्टरों का कहना है कि यह बुखार कॉक्ससैकी नामक वायरस से हो रहा है। इस बुखार से 3 से 7 साल के बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। बुखार को सही होने में 7 से 10 दिन लग सकते हैं। कई बार ज्यादा बीमार होने पर रिकवरी में 10 दिन से भी ज्यादा समय लग सकता है। इस बीमारी के चलते स्कूलों में ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ स्कूल परिसर को सेनिटाइज करने का काम भी चल रहा है।

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क्या है बीमारी का कारण?

  • बताया जा रहा है कि इस संक्रमण की वजह मौसमी बीमारियां हैं।
  • बच्चों के खिलौनों से भी वायरस शरीर में पहुंच सकता है।
  • संक्रमित मरीज की छींक, खांसी और थूक से ये हो रहा है।
  • संक्रमित बच्चों का मल त्याग करने के बाद सही से हाथ न धोना।
  • किसी संक्रमित के फफोले और फूंसियों को छूना।

कैसे होते हैं लक्षण?

  • इस संक्रमण का सबसे पहला लक्षण मुंह में छाले होना। ये छाले एक साथ कई हो सकते हैं।
  • पैरों में छाले होना।
  • हाथों में छाले होना।
  • गले में खराश होना।
  • तेज बुखार आना।
  • खांसी होना।
  • बच्चे का गुस्सा या चिड़चिड़ा होना।

कैसे होगा बचाव?

डॉक्टर कहते हैं इस बीमारी की रोकथाम का सबसे अच्छा उपाय सावधानी बरतना है। जैसे कि कोविड के समय लोगों ने नियमों का पालन किया था, बिल्कुल उन्हीं गाइडलाइन्स के तहत मरीजों को क्वारंटीन होना हैं। मास्क पहनना हैं और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करनी है।

ये सावधानियां जरूर बरतें

दिल्ली के कालकाजी में स्थित एक निजी अस्पताल के डॉक्टर सुनील नारायण बताते हैं कि हमें इस बीमारी से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे:

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • संक्रमित बच्चों को अलग रखें।
  • बच्चों के खिलौने, बैग और अन्य वस्तुएं जिनके संपर्क में वे रोजाना आते हैं, उन्हें सेनिटाइज जरूर करें।
  • बच्चों की बोतल, प्लेट और खाने-पीने वाली वस्तुओं को अलग-अलग रखें, साथ न खिलाएं।
  • बच्चे को रूमाल और टिश्यू जरूर दें ताकि वे खांसते या छींकते समय मुंह को ढक सके।

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First published on: Aug 22, 2025 02:35 PM

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