Monsoon Health Tips: आज के समय में जिस तेजी से मौसम बदल रहा है, वह सिर्फ पर्यावरण का संकट नहीं, बल्कि हमारी हेल्थ के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन चुका है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इस बदलाव का शिकार हो रहे हैं। बदलता मौसम अपने साथ-साथ कई तरह की बीमारियों को लेकर आता है। इस दौरान सबसे ज्यादा खतरा वायरल इंफेक्शन का होता है, जो सबसे ज्यादा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को प्रभावित करता है। इसमें सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग शामिल होते हैं। इस वजह से वे सर्दी, खांसी, गले में खराश, बुखार और यहां तक कि निमोनिया जैसी बीमारियों से परेशान रहते हैं। आइए जानते हैं इसे लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सैफी हॉस्पिटल, मुंबई के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और नॉनटोलॉजिस्ट डॉ. अहमद बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान में असामान्यता, बिना मौसम की बारिश और हवा में नमी का असंतुलन इन सभी चीजों के कारण वायरस के फैलने का कारण बनते हैं। नतीजा यह होता है कि संक्रमण अब मौसमों तक सीमित नहीं रह गए हैं, अब वे कभी भी हो सकते हैं और तेजी से फैल सकते हैं। इसके साथ ही इस दौरान हम देख रहे हैं कि बच्चों में सर्दी, खांसी, गले में खराश, बुखार और यहां तक कि निमोनिया के लक्षण बढ़ जाते हैं। इसके पीछे की वजह एडिनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस, इन्फ्लूएंजा वायरस और हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा बी है, जो निमोनिया के खतरे को बढ़ाते हैं।
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इन बीमारियों का क्या है कारण?
मानसून में जमा पानी मच्छरों को बढ़ावा देता है। डेंगू और चिकनगुनिया जैसे वायरल संक्रमण इन दिनों ज्यादा देखने को मिलते हैं। गंदा पानी और दूषित भोजन से बच्चों में हेपेटाइटिस A और E, एंटरोवायरस, और हैंड-फुट-माउथ डिजीज (HFMD) जैसी बीमारियां हो रही हैं। खासकर 5 साल से छोटे बच्चों में HFMD तेजी से फैल रही है। रोटावायरस जैसी बीमारियां शिशुओं और छोटे बच्चों में दस्त और बुखार का बड़ा कारण हैं। जलवायु परिवर्तन से भोजन और पानी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है, जिससे पेट में इंफेक्शन बढ़ रहे हैं। इसके कारण बच्चों और बुजुर्गों की इम्युनिटी कमजोर होती जाती है, जिसके कारण उनमें बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर ने दी ये सलाह
इसे लेकर डॉ. अतीक अहमद कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन अब केवल पर्यावरणीय मुद्दा नहीं रहा, यह एक हेल्थ से जुड़ी समस्या भी बन चुका है। इसके लिए हमें बच्चों और बुजुर्गों की इम्युनिटी पर ध्यान देना होगा। सतर्कता, स्वच्छता और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इसके साथ ही अपने खानपान का ध्यान रखना भी जरूरी है। उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। बच्चों को गंदे या जमा पानी के पास जाने से रोकें। बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। बच्चों को मास्क पहनाएं, हाथ धोने की आदत डालें। मच्छरदानी, रिपेलेंट और सामूहिक फॉगिंग जैसी चीजों का इस्तेमाल करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।