Knee Pain Treatment In Ayurveda: घुटने में दर्द होना एक आम समस्या है जो अकसर बढ़ती उम्र में दिखाई देती है। बुढ़ापे में शरीर कोमल नहीं रहता है वो कठोर बन जाता है, जिससे जोड़ो के बीच होने वाले कार्टिलेज में दरार होने लगती है। घुटने के दर्द का लेवल हल्का और असहनीय भी हो सकता है। घुटनों में दर्द के कारण चलने में परेशानी होती है। चलते समय हल्का दर्द महसूस होना, सूजन होना सामान्य लक्षण हैं। चलिए इस लेख के माध्यम से घुटने के दर्द का कारण, देसी इलाज पर बात कर लेते हैं।
घुटने के दर्द का कारण
- बढ़ती उम्र
- मोटापा
- गठिया
- चोट या इंफेक्शन
- जेनेटिक
- घुटनों पर दबाव पड़ना
घुटने के दर्द से राहत देंगे ये टिप्स
- रोजाना योग और एक्सरसाइज करें
- तनाव न लें
- घुटने के दर्द पर सिकाई करें
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घुटने के दर्द का देसी इलाज
खाने पीने में बदलाव कर सकते हैं। इन चीजों को शामिल करके जैसे- शलाकी जूस, फ्लेक्स सीड ये सभी घुटने में मौजूद ग्रीस को मेंटेन रखते हैं। अश्वगंधा, मोरिंगा भी लेने से लाभ मिल सकता है और इन्हें डाइड में शामिल करने से काफी हद कर एंटी एजिंग को रोक सकते हैं। डेली मसाज करने से भी घुटने के दर्द में राहत मिलती है। लेकिन किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेने के बाद मसाज लेनी चाहिए ताकि कुछ और परेशानी न हो।
वात प्रकृति के लोगों को डेली मसाज करनी चाहिए। पित्त प्रकृति के लोगों को एक दिन छोड़कर मसाज करनी चाहिए और कफ प्रकृति वाले लोगों को हमेशा चार दिन छोड़कर मसाज करनी चाहिए। मसाज के लिए सबसे अच्छा तेल आयुर्वेद में तिल का तेल बताया गया है। कुछ बातें ध्यान में रखें, जैसे मौसम, उम्र के हिसाब से मसैज के लिए तेल का चयन करना चाहिए।
घुटने के दर्द में आयुर्वेद काफी कस्टमाइज थेरेपी देता है। इसमें सबसे पहले आता है कि आप कहां रहते हैं। फिर कई सारे ऐसे फैक्टर हैं, जिनके बाद ही दवाई दी जाती है। जब तक मरीज के बारे में अच्छी तरह से पता करने के बाद आयुर्वेद में इसका उपचार होता है। घुटने के दर्द की पूरी जानकारी और देसी इलाज के लिए आप इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और देखें-