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Kidney Stone: क्यों बनती है गुर्दे की पथरी? किन चीजों से करें परहेज ताकि बीमारी से रहें दूर

Kidney Stone Disease: किडनी की पथरी आम है और इससे किडनी फेलियर हो सकता है, लेकिन डाइट और हाईड्रेशन सहित लाइफस्टाइल में बदलाव इसे रोकने में मदद कर सकते हैं। आइए किडनी से जुड़ी बीमारी की रोकथाम और इलाज के ऑप्शन के बारे में जानें..

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Mar 14, 2024 16:30
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kidney stone problems
किडनी में पथरी की समस्या Image Credit: Freepik

Kidney Stone Disease: विश्व किडनी दिवस पर किडनी से जुड़ी बीमारी से दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हैं। इस दिन किडनी की सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ाने और लोगों को किडनी समस्याओं के बारे में जागरूक करने का एक मौका है। इसके साथ ही किडनी से जुड़ी सेवाओं में सुधार करने के लिए काम किया जाता है। आज बात हो रही है कि किडनी में पथरी होने का कारण क्या है, क्योंकि आधे से ज्यादा लोग किडनी की पथरी से ही जूझ रहे हैं। किडनी की पथरी अक्सर दर्दनाक होती हैं लेकिन कभी-कभी किडनी फेलियर की वजह बनती है।

किडनी की पथरी का क्या कारण है?

किडनी की पथरी के कई कारण होते हैं और हर मामले का पता लगाना हमेशा पॉसिबल नहीं होता है। ज्यादा वजन होना, फीजिकल एक्टिविटी की कमी, भरपूर पानी न पीना, बार-बार यूरिन संक्रमण, ज्यादा पोषक तत्वों की खुराक लेना और बेवरेज डिंक्र का ज्यादा सेवन इसके कुछ कारण हैं। एस्पिरिन, कुछ एंटासिड, ड्यूरेटिक (तरल पदार्थ निकालने वाली दवाएं) कुछ एंटीबायोटिक्स और एंटी एपिलेप्टिक दवाएं जैसी भी किडनी की पथरी का कारण बन सकती हैं। किडनी की पथरी का फैमिली हिस्ट्री भी इसके विकसित होने के जोखिम को बढ़ाता है।

पैकेज्ड फूड या कम फाइबर वाले बहुत ज्यादा प्रोटीन वाले डाइट के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। अगर मरीज में यूरिक एसिड का हाई लेवल है, तो पालक, बैंगन, टमाटर आदि जैसे फूड से परहेज करना जरूरी है। हालांकि अब यह माना जा रहा है कि हर एक व्यक्ति के लिए एक तय मात्रा में तरल पदार्थों नहीं लेना चाहिए। सप्लीमेंट्स और ‘प्रोटीन शेक’ और इसी तरह के मिश्रणों के अंधाधुंध सेवन से किडनी की पथरी का निर्माण हो सकता है। शारीरिक रूप से एक्टिव रहना और जंक फूड से परहेज करते हुए संतुलित पौष्टिक आहार का सेवन करने से किडनी की पथरी बनने का खतरा कम हो सकता है।

जेनेटिक, मोटापा ये सारी स्थितियां भी पथरी बनने का कारण बनती हैं

यूरोलिथियासिस के जेनेटिक संबंध कुछ हेरेडिटरी डिसऑर्डर में लंबे समय से हैं, जैसे प्राइमरी हाइपरॉक्सलुरिया से एजीएक्सटी जीन और जैंथिनुरिया से एक्सडीएच जीन हैं। जिन लोगों के परिवार में पथरी बनने का इतिहास रहा है, वे ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, जो इस स्थिति के लिए एक हेरेडिटरी लिंक का सुझाव देता है। क्रोनिक यूरिन के रास्ते में संक्रमण, सिस्टिक किडनी रोग और सूजन बॉवल डीजीज डेवलपमेंट के लिए अनुकूल वातावरण बना सकते हैं।

किडनी में बार-बार पथरी बनने का क्या कारण है?

कई बार उपचार के बाद भी लोगों में किडनी की पथरी दोबारा हो जाती है। किडनी की पथरी का इलाज कराने वाले 90% से अधिक लोगों में 20-25 सालों के भीतर दूसरी पथरी हो जाती है। उचित उपचार न होने पर बचे हुए क्रिस्टल छोड़ सकता है, जो किडनी की पथरी करता है। जरूरी लाइफस्टाइल में बदलाव करने से, जैसे कि डाइट से जुड़ी आदतों में सुधार, हाईड्रेशन बनाए रखना और मेटाबॉलिज्म संबंधी चीजों को मैनेज करने से किडनी में पथरी न होने में सुधार कर सकता है।

ये भी पढ़ें- World Kidney Day 2024: युवाओं में क्यों बढ़ रही हैं किडनी की समस्याएं? कैसे करें देखभाल

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

First published on: Mar 14, 2024 04:30 PM

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