कोलाकाता में कोरोनावायरस की एक और प्रजाति का मामला मिला है। यहां एक महिला को Human Coronavirus से पीड़ित पाया गया है, जो कि कोरोनावायरस के लक्षणों काफी मेल खाता है। हालांकि, फिलहाल महिला की तबीयत स्थिर है और खतरे की कोई बात नहीं है। ह्यूमन कोरोनावायरस को एचकेयू1 (HKU1) के नाम से भी जाना जाता है। यह कोई नया वायरस नहीं है, साल 2005 में भी कोरोना जैसे इस वायरस के कई मामले दुनियाभर में सामने आए थे। इसमें भी सर्दी-खांसी के साथ फेफड़ों की सेहत बिगड़ सकती है। आइए जानते हैं इस वायरस से जुड़ी बातें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सुरनजीत चैटर्जी बताते हैं कि कोरोनावायरस के कई प्रकार हैं, मगर हर किसी से महामारी वाले हालात बनें, ऐसा संभव नहीं है। HKU1 कोरोना का स्ट्रेन भी कुछ ऐसा ही है जो 2005 में लोगों के बीच आया था। यह एक बार फिर से एक्टिव हो गया है लेकिन इस वायरस से लगभग दुनिया के हर इंसान एक न एकबार पीड़ित रहे होंगे। इस वायरस से बीमार होने वाले लोगों के लक्षण कुछ दिनों में खुद ही सही हो जाते हैं, जिस वजह से इसे खतरनाक नहीं माना जाता है।
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क्या है Human Coronavirus
ह्यूमन कोरोनावायरस बेटा कोरोनावायरस फैमिली का ही एक हिस्सा है, जिसमें SARS और MERS वायरस भी शामिल हैं। HKU1 अधिकांश रेस्पिरेटी प्रॉब्लम्स से रिलेट करता है और फेफड़ों को प्रभावित करता है। गंभीर स्थितियों में मरीज को ब्रोंकाइटिस या फिर निमोनिया हो सकता है।
कैसे होते हैं इसके लक्षण?
लगातार खांसी होना।
बार-बार बुखार आना।
शरीर का हमेशा थका हुआ और कमजोर महसूस करना।
बंद नाक और बहती नाक।
गले में दर्द और खराश होना।
निमोनिया।
छींकें आना।
कितना खतरनाक वायरस?
हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो यह कोरोनावायरस जैसा गंभीर वायरस नहीं है जिससे जान जाने का जोखिम तेज हो, लेकिन बचाव जरूरी है और कुछ लोगों को इस वायरस से ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। इनमें बुजुर्ग, बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग शामिल हैं। अगर कोई दिल या अस्थमा जैसी बीमारियों का मरीज है, तो वह भी इस वायरस की चपेट में आने से बचे।
इन सेफ्टी टिप्स को अपनाएं
इस वायरस की रोकथाम करना बहुत जरूरी है ताकि बीमारी न फैले। इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा। आपको कुछ नया नहीं बल्कि कोरोनावायरस के दौरान अपनाई जाने वाली आदतों का ही पालन करना होगा, जैसे कि-
- हाथों को 20 सेकेंड तक धोएं।
- जब भी बाहर से आएं या कुछ खाएं तो हाथों को साबुन से धोएं।
- अपने साथ सेनिटाइजर कैरी करें।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों में कम से कम समय रुकें।
- खांसते, छींकते समय मुंह और नाक ढकें ताकि किसी और को इससे संक्रमण न हो जाए।
- डाइट और हाइड्रेशन का ख्याल रखें।
- मास्क पहनें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।