Urinary Tract Infection: मूत्राशय का संक्रमण यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन ब्लैडर ही नहीं बल्कि मूत्रनली, मूत्रमार्ग और किडनी में होने वाला इंफेक्शन है जो बैक्टीरिया के मूत्राशय या मूत्रमार्ग में जाने से होता है. यह इंफेक्शन महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है जिसकी वजह महिलाओं की ही छोटी-मोटी गलतियां हो सकती हैं. इसी बारे में बता रही हैं डॉ. सुप्रिया पूनिया. डॉक्टर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से पोस्ट शेयर करके बताया है कि महिलाओं को यूरिन इंफेक्शन (UTI) किन गलतियों के कारण हो सकता है और किस तरह इस इंफेक्शन को होने से रोका जा सकता है. आप भी जानिए मूत्राशय के संक्रमण से कैसे बचें और इस इंफेक्शन के लक्षण और बचाव क्या हैं.
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UTI की वजह बनती हैं ये गलतियां
पेशाब के बाद त्वचा पोंछने का गलत तरीका – पेशाब करने के बाद त्वचा को पीछे से आगे की तरफ नहीं बल्कि आगे से पीछे की तरफ साफ करें. इससे एनस (Anus) से बैक्टीरिया मूत्राशय में नहीं आते. अगर एनस से होते हुए वजाइना (Vagina) की तरफ टिशू करके पोंछा जाए तो इससे बैक्टीरिया मूत्राशय तक आ सकते हैं.
अंडरगार्मेंट्स अंदर सुखाना – अक्सर ही लड़कियां अपने अंडरगार्मेंट्स बाथरूम में ही सुखा देती हैं. लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए. इसके बजाय अंडरगार्मेंट्स को हमेशा धूप में सूखने के लिए डालना चाहिए. नेचुरल सनलाइट फंगस और बैक्टीरिया को मार देती है.
सही तरह से अंडरगार्मेंट्स ना धोना – अंडरगार्मेंट्स को अलग डिटर्जेंट से वॉश करना चाहिए. नॉर्मल डिटर्जेंट में केमिकल्स होते हैं. इसमें पैराबेन और सल्फेट्स होते हैं. ये फैबरिक को ही नहीं बल्कि स्किन के नेचुरल पीएच बैलेंस को भी डैमेज करता है जिससे रैशेज, खुजली और जलन (Burning Sensation) हो सकती है. इससे हार्मोनल इंबैलेंस भी हो सकता है.
गंदा अंडरवियर पहनना – डॉक्टर की सलाह है कि रोजाना साफ धुला हुआ अंडरवियर ही पहनना चाहिए. मॉइस्चर इंफेक्शन का बेस्ट फ्रेंड होता है. इसीलिए साफ और सूखा अंडरवियर पहनना जरूरी है.
फैंसी वैजाइनल वॉश का इस्तेमाल – डॉक्टर बताती हैं कि फैंसी वैजाइनल वॉश से स्किन का नेचुरल पीएच डिस्टर्ब होता है.
अपना तौलिया या अंडरवियर शेयर करना – आपको अपना तौलिया या अंडरवियर कभी किसी से शेयर नहीं करना चाहिए. ये इंफेक्शन की वजह बन सकते हैं.
पेशाब रोकना – मूत्राशय का संक्रमण रोकने की सबसे बड़ी वजह बन सकता है आपका पेशाब रोकना. कभी भी पेशाब नहीं रोकना चाहिए और दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इससे यूटीआई दूर रहता है.
मूत्राशय के संक्रमण के लक्षण
- UTI होने पर पेशाब करते समय जलन महसूस होती है
- बार-बार पेशाब आने लगता है
- कई बार पेशाब करने की इच्छा होती है लेकिन मूत्राशय खाली होता है
- पेशाब में खून (Blood In Urine) आ सकता है
- पेशाब करते समय पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है
- किडनी में अगर इंफेक्शन हुआ है तो बुखार आ सकता है, सर्दी महसूस हो सकती है, कमर में दर्द हो सकता है
- जी मितलाता है और उल्टी आ सकती है.
UTI किसे ज्यादा होता है
जिन लोगों को पहले भी मूत्राशय का इंफेक्शन ज्यादा होता है उन्हें यह इंफेक्शन दोबारा हो सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान यह इंफेक्शन ज्यादा होता है, सेक्शुअल एक्टिविटी से या फिर यूरिनरटी ट्रैक्ट में किसी दिक्कत से यह इंफेक्शन हो सकता है. अगर हाइजीन अच्छा ना हो तो यूटीआई हो सकता है.
UTI का ट्रीटमेंट
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर मेडिकल हेल्प ली जाती है. डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयां खाने के लिए दे सकते हैं.
- अगर किसी तरह का साइड इफेक्ट हो तो उसकी दवाइयां दी जा सकती हैं.
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