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घर पर हार्ट अटैक आने पर क्या करें? कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया Heart Attack में तुरंत क्या करना चाहिए

What To Do In Heart Attack: अगर आपके सामने किसी को हार्ट अटैक आ रहा हो या घर पर किसी को हार्ट अटैक आए तो क्या करना चाहिए यह बता रहे हैं कार्डियोलॉजिस्ट. इस प्राथमिक उपचार को जानकर आप भी किसी की जान बचा सकते हैं.

Author Written By: Seema Thakur Updated: Dec 14, 2025 13:26
Heart Attack
हार्ट अटैक का प्राथमिक उपचार क्या है?

Heart Attack 101: दिल का दौरा पड़ना यानी हार्ट अटैक आना एक आपातकालीन स्थिति है. इसमें तुरंत कुछ ना किया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए इसकी जानकारी होना जरूरी है. बहुत से लोग इस स्थिति में घबरा जाते हैं लेकिन यह वह समय है जब एक-एक मिनट कीमती होता है. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक पोस्ट में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जिवितेश सतीजा ने बताया है कि किसी को हार्ट अटैक आ रहा हो तो क्या करना चाहिए. स्टेप बाय स्टेप जानिए किस तरह घर या बार किसी को हार्ट अटैक आए तो उसकी जान किस तरह बचाई जा सकती है, साथ ही जानिए हार्ट अटैक और कार्डियाक अरेस्ट (Cardiac Arrest) के बीच अंतर कैसे करते हैं.

किसी को हार्ट अटैक आए तो क्या करना चाहिए

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि दिल का दौरा पड़ने पर क्या होता है. हार्ट अटैक तब आता है जब दिल तक खून पहुंचाने वाली नली ब्लॉक हो जाती है जिससे ब्लड फ्लो रुक जाता है. यह नसों में कॉलेस्ट्रोल जमने या प्लाक जमने के कारण होता है या खून के थक्के बनने पर होता है. ऐसे में व्यक्ति को सीने में दर्द उठने लगता है और यह दर्द दबाव जैसा लगता है.

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पहचानें दिल के दौरे के संकेत – व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने पर सीने में दबाव वाले दर्द के साथ ही बाएं हाथ में दर्द होने लगता है. यह दर्द जबड़े, गर्दन और पीठ तक फैल सकता है. इसके साथ ही पसीना, मतली आना, सांस फूलना, चक्कर और घबराहट होने जैसे लक्षण (Heart Attack Symptoms) दिखाई पड़ते हैं.

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मदद के लिए तुरंत करें ये काम – जब भी किसी को हार्ट अटैक आए तो इंतजार ना करें और समय गंवाए बिना एंबुलेंस को कॉल करें या मरीज को अस्पताल लेकर जाएं. 108/112 डायल करके संभावित दिल का दौरा बताएं. इसके बाद कैथ लैब यानी एंजियोप्लास्टी सुविधा वाले अस्पताल के लिए एंबुलेंस बुलाएं. अगर आसपास कैथ लैब वाला अस्पताल ना हो तो जो भी अस्पताल पास है वहां जाएं. अगर आपको खुद को हार्ट अटैक आ रहा है तो खुद गाड़ी चलाकर ना लेकर जाएं बल्कि किसी की मदद लें.

एस्पिरिन की गोली दें – जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है उसे 300 मिलीग्राम की एस्पिरिन की गोली दें और चबाने के लिए कहें. घुलनशील एस्पिरिन या डिस्प्रिन की गोली भी दे सकते हैं. अगर व्यक्ति को एलर्जी हो या ब्लीडिंग वाला अल्सर का इतिहास रहा हो तो उसे यह गोली ना दें. ध्यान रहे कि आप व्यक्ति को अस्पताल ले जाते हुए ऐसा करें, खुद इलाज करने की ना सोचें. अस्पताल के लिए कॉल करने के बाद ही यह प्राथमिक चिकित्सा (Heart Attack First Aid) दें.

रोगी को इस तरह बैठाएं

जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक आ रहा है उस व्यक्ति को बैठाएं या आधा झुकाकर 45 डिग्री के एंगल पर लिटा दें. इस बात का ध्यान रखें कि व्यक्ति को हवा लग रही हो. अगर तंग कपड़े पहने हैं तो उन्हें ढीला कर दें. अगर जरूरत ना हो तो व्यक्ति को ज्यादा हिलाए डुलाएं नहीं और सीढ़िया चढ़ाएं-उतारें नहीं. खुद भी संयम बनाए रखना जरूरी है ताकि रोगी के दिल पर ज्यादा दबाव ना पड़े.

ऑब्जर्व करते रहें

रोगी पर ध्यान बनाए रखें, उसे ऑब्जर्व करें कि इसके सांस लेने की गति क्या है और उसकी नाड़ी चल रही है या नहीं. अगर व्यक्ति को सांस नहीं आ रही है या फिर उसकी नाड़ी ना चल रही हो तो यह कार्डियाक अरेस्ट हो सकता है. अगर ऐसा हो तो SOS प्रोटोकॉल का पालन करते हुए व्यक्ति को तुरंत CPR देना जरूरी होता है.

कार्डियाक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर होता है

हार्ट अटैक कार्डियाक अरेस्ट
दिल तक खून नहीं पहुंच पाता. दिल की मांसपेशी का एक हिस्सा मरने लगता है.दिल खून को पंप करना पूरी तरह से बंद कर देता है.
सीने में दर्द होने लगता है, पसीना छूटने लगता है. सांस फूलने लगती है, दिल की धड़कने बढ़ने लगती हैं.अचानक बेहोशी छाने लगती है, रोगी बेहोश हो जाता है, सांस लेना बंद कर देता है और नाड़ी चलना बंद हो जाती है.
तुरंत अस्पताल ले जाना जरूरी होता है.लक्षण दिखने पर तुरंत CPR देना शुरू कर देना चाहिए.

कार्डियाक अरेस्ट में CPR कैसे देते हैं

कार्डियाक अरेस्ट में व्यक्ति को सीपीआर दिया जाता है. इसके लिए व्यक्ति को लेटाकर उसकी छाती के बीचों-बीच जोर से और तेजी से धक्का दिया जाता है. 2 इंच या 5 सेंटीमीटर गहराई तक 100-120/मिनट की तेजी से लगभग 2 बार प्रति सेकंड धक्का दिया जाता है. सीपीआर तबतक देते रहें जबतक कि कोई डॉक्टर या पेशेवर मदद के लिए ना आ जाए.

हार्ट अटैक या कार्डियाक अरेस्ट में कभी ना करें ये गलतियां

  • सीने में दर्द उठे तो एसिडिटी समझकर घंटों तक इंतजार करना
  • मरीज को पानी, सोडा या दर्द दूर करने की दवाइयां देना
  • छाती पर मालिश करना
  • हार्ट अटैक में मरीज को सीधा लेटा देना
  • खुद गाड़ी चलाना
  • परिवार की सलाह लेने के लिए रुकना और अस्पताल जाने में देरी करना
  • बिना एक्सपर्ट वाले क्लीनिक में समय बर्बाद करना.

क्या कहते हैं आंकड़ें

ICMR 2022- 70% भारतीय हार्ट अटैक के मरीज 2 घंटे से ज्यादा देसी से अस्पताल पहुंचते हैं.
NEJM 2022 – CPR के बिना कार्डियाक अरेस्ट में जीवित रहने की संभावना 10% कम हो जाती है.
Lancet 2019 –हार्ट अटैक में अस्पताल ले जाने में की गई 30 मिनट की देरी से मृत्यु दर 7% तक बढ़ सकती है.
ICMR 2022 – भारत में, पहले हार्ट अटैक की औसत उम्र पश्चिमी देशों की तुलना में 10 साल कम है.

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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.

First published on: Dec 14, 2025 01:15 PM

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