Gallbladder Attack Symptoms: हमने अक्सर हार्ट अटैक या गैस्ट्रिक अटैक के बारे में सुना है मगर क्या आपको पता है गॉलब्लैडर में भी अटैक आता है? पित्ताशय में अटैक अक्सर अचानक होता है, लेकिन इसके पहले हमारा शरीर कुछ संकेत देता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इन चेतावनी लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। पित्त में अटैक उसमें पथरी होने से होता है। अगर किसी को गॉलब्लैडर स्टोन है तो उसे ये अटैक होता है और बार-बार होता है। अगर इलाज न किया जाए तो ये समस्या गंभीर हो सकती है। चलिए जानते हैं गॉलब्लैडर अटैक के बारे में विस्तार से।
क्या है गॉलब्लैडर अटैक?
गॉलब्लैडर या पित्ताशय हमारे शरीर एक छोटा अंग है ,जो लीवर के नीचे होता है और यह पाचन में मदद करने के लिए पित्त को स्टोर करता है। जब पित्ताशय में पथरी फंस जाती है या पित्त सही ढंग से बाहर नहीं निकल पाता, तो तेज दर्द, सूजन और मतली जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इसे ही पित्ताशय का अटैक कहते हैं। बाइल के प्रभावित होने पर अटैक ज्यादा होते हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
सेंट ल्यूक्स यूनिवर्सिटी हेल्थ नेटवर्क के सर्जन डॉक्टर थॉमस जी बताते हैं कि हमें कभी भी गॉलब्लैडर के संकेतों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। वे कहते हैं कि ये अंग हमारे अब्डॉमिन्ल में स्थित होता है, जो हमारे खाने को पचाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। पथरी होने पर ये अटैक होता है।
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ऐसे होते हैं इसके चेतावनी संकेत
पेट में दर्द- एक्सपर्ट के मुताबिक, इसका दर्द मरीज को पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में होता है। दर्द अमूमन खाने के बाद महसूस हो सकता है, क्योंकि पेट में बाइल की कमी हो जाती है।
उल्टी- अगर खाना खाने के बाद आपको पेट में मरोड़े या तकलीफ होती है और कई बार उल्टी भी महसूस होती है। कई बार ये तकलीफ इतनी ज्यादा होती है कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो जाती है।
बुखार आना- पित्ताशय की थैली में रुकावट से कोलेसिस्टाइटिस होता है। इसका मतलब होता है सूजन और संक्रमण होना। ऐसी स्थिति में मरीज को तेज बुखार हो सकता है।
आंखों का पीला रंग- पित्त की पथरी होने पर पित्त से बाइल शरीर के बाहर नहीं निकल पाता है। इस वजह से ब्लड वैसल्स में भरने लगता है। इस कारण आपकी आंखों पर पीला पन दिखने लगता है।
पीले रंग का पेशाब- कई बार बाइल बढ़ने से आपके यूरिन का रंग भी बदल जाता है। ये आपको पीला या गाढ़े मिट्टी के रंग का दिखेगा। आपको अपने मल के रंग में भी बदलाव दिखाई देगा।
इसके अलावा, भूख में कमी, दस्त, वजन कम होना या बहुत कम खाना भी इसके संकेत हो सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह कब जरूरी है?
अगर आपको रोजाना पेट में दर्द और बुखार रहता है तो डॉक्टर के पास जरूर जाए। अगर आपको पानी पीने का मन नहीं करता है तो भी आपको एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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