Fever: बुखार एक शारीरिक समस्या है। जब आपके शरीर का तापमान सामान्य से ऊपर होता है, तो इसे फीवर या बुखार कहा जाता है। जब शरीर संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए किसी समस्या का संकेत देने के लिए आपका तापमान बढ़ाता है। बुखार तब होता है, जब शरीर का तापमान 98 से 100 डिग्री फारेनहाइट की सामान्य सीमा से ऊपर हो जाता है। बुखार के दौरान आपका इम्यून सिस्टम बुखार बनाकर बीमारी के कारण को दूर करने की कोशिश कर रहा होता है।
बुखार के लक्षण
- पसीना आना
- बॉडी में दर्द
- ठंड लगना
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान और कमजोरी
- भूख में कमी
- डिहाइड्रेशन
- वॉमिटिंग
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बुखार के कारण
- वायरल इंफेक्शन
- बैक्टीरियल इंफेक्शन
- कैंसरयुक्त ट्यूमर
- एंटीबायोटिक्स दवाओं के कारण
- डिप्थीरिया, टेटनस और कोविड वैक्सीन के कारण
बुखार के प्रकार
आंतरायिक बुखार (Intermittent fever)- इस फीवर में पूरे दिन शरीर का टेंपरेचर 37 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, लेकिन रात होते ही बढ़ने लग जाता है।
रेमिटेंट बुखार (Remittent fever)- रेमिटेंट फीवर में टेंपरेचर गिरता है पर नार्मल नहीं होता है।
लगातार बुखार (Continuous fever)- इसे निरंतर बुखार भी कहा जाता है। यह एक लंबे समय तक चलने वाला बुखार है। इसमें तापमान बहुत कम या कोई बदलाव नहीं होता है।
रूमेटिक फीवर (rheumatic fever)– रूमेटिक फीवर streptococcal बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया गले में तेज दर्द का कारण भी बन सकता है। टॉन्सिल, सिरदर्द और सूजन इसके सामान्य लक्षण हैं।
इलाज
आमतौर पर अगर फीवर काफी है तो डॉक्टर जल्दी से दवा नहीं देते। जब बुखार 102 डिग्री से ज्यादा हो और आपको परेशानी महसूस हो रही हो, तभी इलाज की जरुरत पड़ती है। बुखार में एसीटामिनोफेन, पैरासिटामोल, आईबूप्रोफेन डोलो जैसी दवाएं लेकर कुछ राहत महसूस कर सकते हैं।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
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