Myopia Symptoms: आंखों की रोशनी से संबंधित कोई बीमारी अगर किसी को हो जाए, तो उससे ज्यादा बुरा क्या होगा? आंखें हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं, यह हमारी पर्सनालिटी में भी स्पेशल रोल प्ले करती हैं। हालांकि, आजकल स्थितियां ऐसी हो गई हैं कि छोटे बच्चों को दृष्टिदोष की समस्याएं ज्यादा होने लगी है। मायोपिया एक ऐसी ही बीमारी है, जिसे निकटदृष्टि भी कहा जाता है। यह एक प्रकार की आंखों की ऐसी समस्या है जिसमें इंसान को दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं, लेकिन पास की चीजें साफ नजर आती हैं। ऐसा तब होता है जब आंखों के रेटिना पर लाइट का फोकस सही जगह पर नहीं होता और रेटिना से पहले होता है, जिससे दूर की वस्तुएं स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ती हैं। आंखों की यह गंभीर बीमारी बच्चों को भी प्रभावित कर रही हैं। आइए जानते है इसका कारण।
ये भी पढ़ें- Vitamin-D की कमी सेहत के लिए कैसे खतरनाक?
वैसे तो मायोपिया किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है लेकिन बच्चों को इसका शिकार कई कारणों से होना पड़ता है, जैसे
- बच्चों का स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल डिवाइस पर ज्यादा समय बिताना भी आंखों पर दबाव डालता है, जिससे मायोपिया का खतरा बढ़ता है।
- बच्चों का बाहर कम खेलना और प्राकृतिक रोशनी में कम से कम समय बिताना भी मायोपिया के रिस्क को बढ़ाता है।
- अगर फैमिली हिस्ट्री में किसी को मायोपिया है, तो इसका बच्चों में भी खतरा बढ़ सकता है।
- किताबें या स्क्रीन को बहुत पास से आंखों के संपर्क में रखना भी मायोपिया का कारण होता है।
इस बीमारी के शुरुआती संकेत क्या हैं?
1. दूर की चीजों का धुंधला दिखाई देना- इसमें बच्चों को क्लास बोर्ड, सड़क या टीवी स्क्रीन को सही से न देख पाना शामिल है।
2. सिर को झुका कर कुछ देखना- हिंदुस्तान टाइम्स में पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपका बच्चा दूर की चीजें देखने के लिए नीचे की ओर ज्यादा झुक रहा हैं या अपनी आंखों को सिकोड़ रहा है, तो उसे मायोपिया हो सकता है।
3. आंखों में थकान या दर्द- यदि बच्चे को लंबे समय तक पढ़ाई या स्क्रीन पर ध्यान लगाने पर आंखों में थकान महसूस होती है, तो एक बार आंखों की जांच करवाएं।
4. आंखों को रगड़ना- मायोपिया वाले बच्चे अपनी आंखों को अक्सर रगड़ते हुए पाए जाते हैं, खासकर तब, जब वे थका हुआ महसूस करते हैं।
5. सिरदर्द रहना- आंखों में ज्यादा तनाव होने के कारण भी सिरदर्द हो सकता है, यह भी मायोपिया होने का एक शुरुआती लक्षण है।
इसके अलावा, कुछ सामान्य संकेतों में बच्चों का स्कूल में खराब पर्फोर्मेंस होना जैसी चीजे भी शामिल हैं।
मायोपिया से बचाव
- अपने बच्चों को एक्टिव रखें, उन्हें नेचुरल लाइट में रहने के लिए प्रोत्साहित करें।
- इस बात का ध्यान दें कि आपका बच्चा पढ़ाई करते समय किताब और फोन या डिवाइस को सही पोश्चर में बैठ कर यूज करें।
- बच्चों की आंखों की नियमित रूप से जांच करवाएं।
- हेल्दी और पोषण से भरपूर भोजन खिलाएं।
- साथ ही, बच्चों का स्क्रीन टाइम जितना हो सके, उतना कम करें।
ये भी पढ़ें- विटामिन बी-12 की कमी की 5 बड़ी वजहें
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।