Diabetes Prevention Tips: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में शुगर (ग्लूकोज) का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। यह तब होता है जब शरीर इंसुलिन नामक हार्मोन को सही तरीके से नहीं बना पाता या उपयोग नहीं कर पाता है। पहले यह बीमारी सिर्फ बड़ों में पाई जाती थी, लेकिन अब छोटे बच्चे और युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सतीश कुमार के अनुसार, आजकल बच्चों में भी डायबिटीज के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं जो चिंता का विषय है। तो आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स के मुताबिक कैसे डायबिटीज को लंबे समय तक नियंत्रित रखा जा सकता है।
क्यों बढ़ रही है बच्चों में डायबिटीज
एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज कोई बीमारी नहीं बल्कि एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जो आजकल के रहन-सहन और खान-पान सही न होने की वजह से बढ़ रहा है। आज के समय में बच्चे घर का खाना न खाकर बाहर का खाना, फास्ट फूड, पैकेज्ड फूड का अधिक सेवन कर रहे हैं और मीठा ज्यादा खा रहे हैं। इस वजह से न सिर्फ मोटापा बढ़ रहा है बल्कि शरीर में ग्लूकोज की मात्रा भी कई गुना बढ़ रही है। परिणामस्वरूप बच्चों में डायबिटीज के साथ-साथ बी.पी. जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है।
क्या है बच्चों में डायबिटीज के संकेत
अत्यधिक वजन घटना
अगर आपका बच्चा सामान्य मात्रा में खाना खा रहा है, फिर भी उसका वजन लगातार घट रहा है, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज न करें।
बहुत ज्यादा खाना खाना
अक्सर डायबिटीज वाले बच्चों को ज्यादा भूख लगती है। वे बार-बार खाना मांगते हैं, फिर भी शरीर में कमजोरी बनी रहती है।
थकावट और कमजोरी
यदि बच्चा जल्दी थक जाता है, खेलने में मन नहीं लगता, और हमेशा सुस्त रहता है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है।
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अत्यधिक प्यास लगना
एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर बच्चा बार-बार पानी पीता है और मुंह सूखता रहता है, तो यह डायबिटीज का एक आम लक्षण हो सकता है।
हाथ-पैरों में झनझनाहट होना
अगर आपके बच्चे के हाथ-पैरों में लगातार झनझनाहट या दर्द बना रहता है, तो यह भी डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।
त्वचा का रंग काला होना
यदि बच्चे की त्वचा खासकर गर्दन के पास काली पड़ने लगे तो यह भी डायबिटीज का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
इस तरह करें डायबिटीज को कंट्रोल
एक्सपर्ट्स के अनुसार पेरेंट्स को बच्चों की डाइट और एक्टिविटी पर खास ध्यान देना चाहिए। घर का बना पौष्टिक खाना खिलाएं और उन्हें बताएं कि कौन-सी चीजें खाने से कौन-सी बीमारियां हो सकती हैं। पैकेज्ड फूड, कैन फूड और फास्ट फूड से पूरी तरह बचाएं। बच्चों को सरसों के तेल या देसी घी में बना खाना दें। इसके साथ ही बच्चे को योग करवाए। अगर बच्चे को डायबिटीज है, तो उसका नियमित रूप से चेकअप कराएं और दवाइयों व खानपान का पूरा ध्यान रखें। ध्यान न रखने पर यह बीमारी आगे चलकर हार्ट संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकती है, जिससे बच्चे के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।