Diabetes Controlling Tips: शुगर की बीमारी ऐसी लाइफस्टाइल डिजीज है, जो लोगों को उनके खराब रुटीन और खान-पान के चलते होती है। हालांकि, अब शुगर के मरीजों को यह बीमारी फैमिली से ही तोहफे में मिलने लगी है। कई रिपोर्ट्स इस बात की पुष्टि कर चुकी हैं कि छोटे बच्चों को जो डायबिटीज हो रही है, वह जेनेटिक्स है। वहीं, 30 साल के बाद वाले लोगों में स्ट्रेस और जीवनशैली के उतार-चढ़ावों के कारण डायबिटीज होती है। डायबिटीज में विशेष रूप से टाइप-2 में चलने जैसे हल्के व्यायाम करने से ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इस बारे में डॉक्टर हंसा योगेंद्र बता रही हैं।
शुगर कंट्रोल करने के लिए चलना जरूरी क्यों?
आयुर्वेदिक डॉक्टर हंसा योगेंद्र ने एनबीटी में दिए अपने इंटरव्यू में डायबिटीज रोगियों को चलने के फायदे बताए हैं। उनके अनुसार, चलना इन लोगों के लिए एक नेचुरल ट्रीटमेंट है। ये लोग रोजाना वॉक करें तो काफी हद तक शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।
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वॉकिंग के फायदे
1. ब्लड सर्कुलेशन- वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन सही से होता है। शुगर के मरीजों को डायबिटीज मैनेज करने के लिए शरीर में ब्लड फ्लो को भी सही रखने की जरूरत होती है।
2. वजन घटाने में मददगार- नियमित रूप से चलने पर कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। मोटापा डायबिटीज को और ज्यादा बढ़ा सकता है, इसलिए वजन कम करना डायबिटीज के नियंत्रण के लिए जरूरी है।
3. हार्ट और ब्लड वेसल्स को सुरक्षित रखें- डायबिटीज के मरीजों को चलने से हृदय और ब्लड वेसल्स को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है, जिससे हृदय रोग का जोखिम भी कम होता है। डायबिटीज मरीजों को हार्ट डिजीज का रिस्क ज्यादा रहता है, इसलिए वॉक करना इनके लिए फायदेमंद होता है।
4. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें- डायबिटीज से जुड़े लोगों को हाई बीपी की समस्या भी रहती है। इसको नियंत्रित करने के लिए भी चलना मददगार साबित होता है। नियमित व्यायाम से रक्तचाप स्थिर रहता है और शुगर कंट्रोल रहती है।
5. स्ट्रेस कम करें- डायबिटीज के मरीज अक्सर मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन का सामना करते हैं। रोजाना वॉक करने से इन चीजों को कम करने में मदद मिलती है और मेंटल हेल्थ बेहतर होती है।
और क्या बताया
वॉकिंग के अलावा, डॉक्टर हंसा बताती हैं कि शुगर के मरीजों के लिए खाना खाना जितना जरूरी है, उससे ज्यादा जरूरी समय पर खाना खाना है। इन लोगों को अपने खाने-पीने का समय कभी भी बदलना नहीं चाहिए। अगर भूख नहीं लगी है और खाने का समय हो गया है, तो कुछ लिक्विड ले सकते हैं ताकि बाद में भूख न लगे। मगर खाने का समय बदलते रहना इनके लिए घातक है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।