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दिवाली के अगले ही दिन AQI बढ़ने से जहरीली हुई हवा, रेड जोन में रहने वाले जान लें ये जरूरी सेफ्टी टिप्स

Delhi Air Pollution: दिल्ली एक बार फिर रेड जोन में आ गई है. वायु प्रदूषण से किन लोगों को ज्यादा खतरा है, यह किस तरह शरीर को प्रभावित करता है और कैसे खुद को वायु प्रदूषण से बचाए रखा जा सकता है, जानिए यहां.

Author Written By: Seema Thakur Author Published By : Seema Thakur Updated: Oct 21, 2025 10:57
Delhi AQI
वायु प्रदूषण के लिए हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? Image Credit - AI

Delhi AQI: हर साल की ही तरह इस साल भी दिल्ली की एयर क्वालिटी दिवाली के अगले दिन बदतर हो गई है. दिल्ली का AQI एक बार फिर वेरी पूअर (Very Poor) की कैटेगरी में आ गया है. सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 346 था तो 10 बजे के करीब 38 में से 36 मोनिटरिंग स्टेशंस पर प्रदूषण का स्तर रेड जोन में आ गया है. बवाना में AQI 418 है तो वहीं वजीरपुर में 408 और जहांगीरपुरी में 404 बताया जा रहा है. ऐसे में इस जहरीली हवा में सांस लेने पर श्वसन संबंधी बीमारियां व्यक्ति को घेर सकती हैं. बच्चों और बड़ों सभी के लिए यह जहरीली हवा खतरनाक है और इसीलिए दिल्लीवासियों को खासतौर से घर से निकलने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए और खुद को फेफड़ों या सांस संबंधी बीमारियों से दूर रखने के लिए जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए.

जहरीली हवा में सांस लेने पर क्या होता है

वायु प्रदूषण के कारण शॉर्ट टर्म लेकिन हाई लेवल एक्सपोजर से आंखों में जलन हो सकती है, नाक में जलन हो सकती है और गले में जलन महसूस हो सकती है. इससे खांसी आने, सांस लेते हुए मुंह से आवाज निकलने और छाती में असहजता होने की दिक्कत हो जाती है.

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जिन लोगों को श्वसन संबंधी बीमारियां जैसे अस्थमा (Asthma) है या फिर जिनके फेफड़े कमजोर हैं उन्हें रैस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफ्लेमेशन और इंफेक्शन हो सकता है. अस्थमा बढ़ सकता है, ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है या फिर क्रोनिंक बीमारियां जैसे ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, हार्ट डिजीज और सेरेब्रोवस्कुलर स्ट्रोक की दिक्कत हो सकती है.
लंबे समय तक अगर वायु प्रदूषण में रहा जाए तो क्रोनिक बीमारियां हो सकती हैं, कार्डियोवस्कुलर सिस्टम खराब होता है, फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) हो सकता है और समय से पहले मृत्यु हो सकती है.

वायु प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें

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  • वायु प्रदूषण (Air Pollution) से बचे रहने के लिए ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें जैसे सड़क जिसपर ज्यादा ट्रैफिक होता है और वाहनों का धुआं निकलता है, उद्योग वाली जगह जहां से फैक्ट्रियों का धुआं निकलता है, इमारतें बनने वाली कंस्ट्र्क्शन साइट, कंस्ट्रक्शन डेमोलिशन साइट्स, कोयले का काम हो रही जगह और जहां ईंटे बनती हैं, इस तरह की जगह पर जाने से परहेज करें.
  • AQI लेवल देखते हुए आउटडोर एक्टिविटीज का हिस्सा बनने से बचें. घर पर रहें और सुरक्षित रहें.
  • जब AQI खराब हो तो सुबह या शाम के समय वॉक करने या जोगिंग करने ना जाएं.
  • सुबह और शाम के समय अपने घर या ऑफिस की खिड़कियां बंद रखें.
  • पटाखे जलाने से परहेज करें. इसके साथ ही जानवरों का सूखा मल ना जलाएं. लकड़ी जलाने से भी परहेज करें.
  • घर के बाहर चूला जलाने से परहेज करें.
  • सिगरेट, बीढ़ी या तंबाकू की किसी और चीज से बचें.
  • मच्छर जलाने वाली कोइल को कुछ दिन ना जलाएं. बंद कमरे में धूप जलाने से परहेज करें.
  • अपनी आंखों को नियमित तौर पर पानी से साफ करें.
  • शरीर में श्वसन संबंधी कोई दिक्कत हो, छाती में दर्द महसूस हो या खांसी होने लगे तो डॉक्टर से सलाह लें.

किन लोगों को वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा है

  • 5 साल से छोटे बच्चों और वृद्धों को वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा प्रभावित करता है.
  • गर्भवती स्त्री को वायु प्रदूषण से खतरा है.
  • जिन लोगों को पहले से श्वसन संबंधी दिक्कतें हैं उनकी परेशानी वायु प्रदूषण से बढ़ सकती है.
  • जिन लोगों की डाइट अच्छी नहीं है उन्हें इंफेक्शंस अपनी चपेट में जल्दी ले सकते हैं.
  • जिनके यहां चूल्हे से खाना बनता है वे वायु प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित होते हैं.
  • ट्रैफिक पुलिस, कंस्ट्रक्शन वर्कर, रोड की सफाई करने वाले लोग, रिक्शा चालक और बाहर काम करने वाले लोगों को वायु प्रदूषण से आम लोगों के मुकाबले ज्यादा खतरा होता है.

अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.

First published on: Oct 21, 2025 10:53 AM

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