Effects of Mobile Phones on Children’s Health: ये ऐसा दौर है जब बच्चों के हाथ में भी मोबाइल होता ही है। वे लगातार घंटों इसका यूज करते है। ज्यादातर बच्चों का टाइम फोन में चला जाता है बजाय खेलकूद की तरफ। बच्चे भी टाइमपास करने के लिए घंटों फोन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब इसका असर बच्चों की हेल्थ पर भी हो रहा है। स्मार्टफोन के इस्तेमाल की वजह से बच्चे ऑटिज्म जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
फोन का ज्यादा यूज करने से बच्चों के विकास पर असर पड़ रहा है। इसको वर्चुअल ऑटिज्म (Virtual autism) कहा जाता है। ये प्रॉब्लम पांच से लेकर आठ साल तक के बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। इसकी वजह से बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ रहा है।
मोबाइल के लगातार इस्तेमाल की वजह से बच्चों में अजीब से परिवर्तन हो रहे हैं। अगर बच्चें 2 साल के हो जाने के बाद भी ठीक से बोल नहीं पाते हैं, और चिड़चिड़े रहते हैं, फैमिली के लोगों को भी नहीं पहचान पाते, नाम लेने पर भी आपकी तरफ नहीं देखते है, किसी से नजर नहीं मिलाते हैं, एक ही काम को बार-बार दोहराते हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि ये सब ऑटिज्म के लक्षण होते हैं। जिसमें बच्चें शिकार होते जा रहे हैं। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि बच्चे को मानसिक रूप से विकलांग भी कर सकती है।
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ऑटिज्म बीमारी का इलाज भी डॉक्टर से कहीं अधिक माता-पिता के हाथों में है। बच्चों को ठीक करने के लिए मां-बाप को खुद भी अपने अंदर कुछ परिवर्तन करने चाहिए। सबसे पहले तो बच्चों से बात करना शुरू करें। अपनी तरफ से पूरी तरह पॉजिटिव रहें। बच्चों को खेलने के लिए कहने की बजाय खुद भी उसके साथ खेलें। खुद उनके साथ बैठकर ड्राइंग बनाएं। बच्चों को पूरा टाइम दें और धीरे-धीरे उन्हें ठीक करिए। इन चीजों को करने के बाद बच्चा धीरे-धीरे मोबाइल से दूर होकर बाकी चीजों में ध्यान लगाना शुरू कर देगा।
माता पिता इन बातों का खास रखें ध्यान
- बच्चों में फोन के यूज का समय तय करने के साथ कम करें
- खेलकूद के लिए उनको बढ़ावा दें
- बच्चों को फोन के नुकसान के बारे में बताएं
- बच्चों से मजेदार टॉपिक पर बात करें
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।