Stress May Risk Fatal Tumour: कैंसर अलग-अलग तरह के होते हैं और अब धीरे-धीरे एक बढ़ती हुई चिंता का विषय बन चुका है। हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है। यह गंभीर बीमारियों के बारे में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। यह ट्यूमर के संकेतों और लक्षणों को जानने, उनकी रोकथाम और जल्दी पता लगाने की जरूरत पर जोर देता है। आखिर ट्यूमर का कारण क्या है? यह सिर्फ जेनेटिक्स नहीं है, कभी-कभी, लाइफस्टाइल की कुछ आदतें भी ट्यूमर का खतरा बढ़ा सकती हैं।
कैंसर क्या है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है, जो शरीर के लगभग किसी भी अंग या टिश्यू में शुरू हो सकता है। जब असामान्य तरीके से सेल्स कंट्रोल से बाहर हो जाती हैं और बढ़ने लगती हैं। ये कैंसर सेल्स आसपास के हिस्सों पर अटैक करती हैं और बाद वाले प्रोसेस को मेटास्टेसिस कहा जाता है और यही मुख्य वजह है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में, ग्लोबल लेवल पर लगभग 2.3 मिलियन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला है और 685,000 लोगों की मौत हुई। 2020 के आखिर तक, पिछले 5 सालों में 7.8 मिलियन महिलाएं जीवित थीं, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया गया था, जिससे यह दुनिया का सबसे ज्यादा जानने वाला कैंसर बन गया है। ब्रेस्ट कैंसर दुनिया के हर देश में महिलाओं में युवावस्था के बाद किसी भी उम्र में होता है, लेकिन बाद के उसके रेट बढ़ते हैं। 2020 में 604,000 नए मामलों और 342,000 मौतों के साथ सर्वाइकल कैंसर ग्लोबल लेवल पर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है।
तनाव क्या है, जानें इस Video की मदद से-
आज की जो लाइफस्टाइल बन गई है, जिसमें बस भागदौड़, समय पर खाना-पीना न होना भी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। एक तरह से तनाव हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। चाहे पर्सनल या प्रोफेशनल हम सभी किसी न किसी कारण से तनाव में रहते हैं, लेकिन उसका फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों पर गंभीर असर पड़ता है।
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तनाव और कैंसर के बीच रिलेशन
कई रिसर्च इस ओर इशारा करते हैं कि तनाव किस प्रकार कैंसर का कारण बन सकता है, हालांकि, अभी तक इसकी कोई गारंटी नहीं है। लेकिन, इस बात पर ध्यान देने वाली कुछ जानकारी है कि क्रोनिक और लगातार तनाव कैसे इसे घातक बना सकता है। यह कॉन्क्लूजन निकालने के लिए अभी भी सबूतों की कमी है कि तनाव एक रिस्क फैक्टर हो सकता है। हालांकि, वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड इंटरनेशनल (World Cancer Research Fund International) के अनुसार, लिमिट रिसर्च और शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, कुछ मामलों में तनाव कैंसर से बचे लोगों से जुड़ा हुआ है-
- बहुत कम तनावपूर्ण घटनाओं और कैंसर से मृत्यु के बीच संबंध का संकेत देते हैं।
- सोशल सपोर्ट की कमी से लोगों के कैंसर से मरने का खतरा ज्यादा हो सकता है।
- बेहतर सोशल सपोर्ट वाले लोग और तनावपूर्ण घटनाओं के दौरान कैंसर पर कम असर देखा गया है।
तनाव क्या है?
तनाव डेली लाइफ का एक नेचुरल साइकोलोजिस्ट और फिजिकल रिएक्शन है। मेंटल या इमोशनल होने से तनाव बढ़ सकता है। जब आप इसे मैनेज करने में असफल होते हैं, तो इससे परेशानी हो सकती है।
तनाव को कम करेंगी ये 5 टिप्स
एक्टिव रहें
रोजाना एक्सरसाइज करने से तनाव कम कर सकते हैं। यहां तक कि नियमित रूप से 15-20 मिनट की सैर या योग भी कोर्टिसोल के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है।
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माइंडफुलनेस का प्रैक्टिस करें
अतीत या भविष्य को लेकर होने वाली चिंता को कम करने के लिए ध्यान करें, गहरी सांस लेना या योग जैसी एक्टिविटी में रहें।
हेल्दी डाइट रखें
मेंटल हेल्थ और तनाव में डाइट अहम भूमिका निभाता है। अपनी एनर्जी के लेवल को बनाए रखने के लिए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, प्रोटीन से भरपूर बैलेंस डाइट चुनें। इसके अलावा खुद को हर समय हाइड्रेटेड रखें। दालचीनी चाय और कैमोमाइल जैसे हर्बल ड्रिंक भी दिमाग को आराम देने में मदद कर सकते हैं।
अच्छी नींद
अच्छी नींद की कमी भी तनाव को बढ़ा सकती है। कम से कम 6 से लेकर 7 घंटे की अच्छी और भरपूर नींद लेना जरूरी है।
सोशल सपोर्ट
अलग रहने से मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ सकता है। इसलिए, दोस्तों, परिवार के साथ समय बिताने से तनाव को आसानी से मैनेज करने में मदद मिलती है।
केंद्रीय बजट 2024 भाषण के दौरान भी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9-14 साल की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन कैंपेन की घोषणा की। ऐसे समय में, भागदौड़ भरी जिदंगी के बीच हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है।
Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।