Brain Swelling due to Depression: तनाव, घबराहट, मूड ऑफ या फिर उदासी, ये सब लक्षण लाइफ में एक बार नहीं आते। ये हर दिन आते रहते हैं। इनके आने और जाने का प्रोसेस चलता रहता है। लेकिन इन वजहों से हमारे काम, रुटीन, हमारी बॉडी लैंग्वेज, शरीर में ताकत ज्यादा प्रभावित नहीं होती है। जब ऐसे इमोशंस आकर रुक जाएं और किसी के भी मन में अपना घर बनाने लगें तो दिक्कत वाली बात है। जिस वजह से हमारे सामान्य काम पर असर पड़ने लगता है। मन के अंदर से ऐसी आवाज आने लगे कि अब बस कुछ भी ठीक नहीं हो सकता, किसी से बात करने का बिलकुल मन न करें। हमारा मन उन चीजों से भी हट जाता है जिनमें पहले काफी दिलचस्पी थी।
डिप्रेशन के लक्षण
- निराशा
- रुचि खो देना
- थकान बढ़ना और नींद न आना
- चिंता
- चिड़चिड़ापन
- भूख और वजन में बदलाव
- मरने की इच्छा
डिप्रेशन की समस्या सिर्फ आपके मूड को ही प्रभावित नहीं करती, इसका दिमाग की सेहत पर भी नेगेटिव असर हो सकता है। अगर डिप्रेशन का समय पर इलाज न किया जाए तो यह ब्रेन में कई तरह के बदलाव का कारण भी बन सकती है। जो लोग अधिक समय तक डिप्रेशन में रहे, उनमें ब्रेन इंफ्लामेशन (brain inflammation) की समस्या अधिक देखी गई है। हालांकि सिर्फ डिप्रेशन ही ब्रेन में बदलाव का कारण नहीं बनती है।
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दिमाग को प्रभावित करना- जब आप किसी दर्दनाक घटना से गुजरते हैं, तो कुछ लोग तो इससे ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ इसके कारण लंबे समय तक तनाव का शिकार रहते हैं।
शराब का सेवन- शराब सिर्फ लिवर ही नहीं दिमाग असर करता है। इससे धुंधला, बोलने में दिक्कतहो सकती है। क्योंकि शराब ब्रेन की सेल्स को नुकसान पहुंचाने लगती है। ब्रेन के कुछ हिस्सों को भी सिकोड़ सकता है।
माइग्रेन- जिन लोगों को माइग्रेन होता है उनके दिमाग में गड़बड़ हो सकती है। कुछ नसें तेज रोशनी जैसे ट्रिगर्स पर अतिप्रतिक्रिया करती हैं, इस तरह की स्थिति के कारण ब्रेन में बल्ड वैसेल्स तंग हो सकती हैं। समय के साथ, आपके दिमाग का ग्रे और सफेद पदार्थ नष्ट हो सकता है, जिसके कई गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।
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