Brain Attack: ब्रेन स्ट्रोक, जिसे ब्रेन अटैक के नाम से भी जाना जाता है, यह तब होता है जब आपके दिमाग के एक हिस्से में रक्त के प्रवाह (blood circulation) में कोई समस्या होती है। जब आपके दिमाग से रक्तस्राव (bleeding) रूक जाता है तब यह समस्या होती है। स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है जिसका मौत और गंभीर चोट से बचने के लिए तुरंत इलाज किया जाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, स्ट्रोक दुनिया भर में मृत्यु दर के मुख्य कारणों में से एक है। स्ट्रोक के कारण 2050 तक सालाना 10 मिलियन से अधिक मौतें हो सकती हैं, इसके बावजूद कि यह एक ऐसी बीमारी है जिसका काफी हद तक इलाज संभव है और इससे बचा जा सकता है।
स्ट्रोक का खतरा किसे है?
बच्चों और वयस्कों सहित हर किसी को स्ट्रोक हो सकता है, हालांकि कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में इसका खतरा अधिक होता है। स्ट्रोक ज्यादतर 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में ज्यादा होता है। हाई ब्लड प्रेशर और शुगर के साथ ही जिन लोगों को दिल का दौरा, या से एट्रियल फाइब्रिलेशन जैसी बीमारी होती है, उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं, 99 प्रतिशत लोगों में हेमोरेजिक ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज का खतरा तब होता है जब दिमाग में खून पहुंचाने वाली नसें फट जाती है। जिसे एन्यूरिज्म कहते हैं। इसे आप आर्टरीवेनस मालफॉर्मेशन (एवीएम) या हाईपरटेंशन कहते हैं। इस बीमारी में ब्रेन के अंदर छोटे-छोटे बैलून बन जाते हैं। यह एक जानलेवा स्थिति है, जिसमें समय पर इलाज ना मिलने पर मौत हो सकती है।
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ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए करें
हेल्दी आहार का सेवन: आप पौष्टिक भोजन और नाश्ते का चयन करके स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकते हैं।आहार उसे कहते हैं जो आपको सेहतमंद और तंदुरुस्त रखने का काम करें और आपको बीमारियों से दूर रखें। इसमें आप ढे़र सारी ताजी फलों का सेवन कर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें: ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज से बचने के लिए हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। इसमें खाने में सोडियम की मात्रा का खास ध्यान रखें और कम नमक खाएं। इसके लिए एक गिलास ठंडे पानी में सेंधा नमक और एक बड़ा चम्मच नींबू का रस डालें।नींबू का शरबत पीने से हाई बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है।
वजन घटना: अधिक वजन होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ये शरीर में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का कारण बनता है जो आगे चल कर ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी बन जाता है। इसलिए आप मोटापा को कंट्रोल में रखें। आज कल स्ट्रेस भी ब्रेन स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है।
धूम्रपान बंद करें: धूम्रपान करने से स्ट्रोक होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। यदि आप पहले से धूम्रपान नहीं करते हैं तो धूम्रपान बंद कर दें। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे बंद करने से आपको स्ट्रोक होने की संभावना कम हो जाएगी। इसको छोड़ने से आपके स्ट्रोक और कई प्रकार की अन्य बीमारियां होने का खतरा कम हो जाएगा।
शराब पीना कम करें: अत्यधिक शराब पीने से रक्तस्राव (bleeding) का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको अच्छी नींद नहीं आ रही है, आपका संतुलन खराब है या बोलने में समस्या है, तो शराब इसे और भी बदतर बना सकती है। शराब मूड स्विंग को और भी खराब कर सकती है, जो स्ट्रोक के बाद आम है।
खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करें: ‘खराब’ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा और ‘अच्छे’ एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होने के कारण धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, जो उनमें रुकावट पैदा कर सकता है और हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
डायबिटीज पर कंट्रोल: यदि आपका डायबिटीज पर कंट्रोल न हो तो आपके शरीर के अंगों में कुछ तरह की समस्याएं हो सकती हैं. डायबिटीज के मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। एक हेल्थ रिसर्च के अनुसार जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें स्ट्रोक होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 1.5 गुना अधिक है जिन्हें डायबिटीज नहीं है।