ADHD Disorder: आलिया भट्ट बॉलीवुड की टॉप मोस्ट हिरोइनों में से एक हैं। इन दिनों वे अपनी फिल्म जिगरा के प्रमोशन के चलते काफी इंटरव्यू दे रही हैं। इस दौरान एक्ट्रेस ने अपनी एक बीमारी को लेकर खुलासा किया कि कैसे वे ADHD डिसऑर्डर जिसे अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर भी कहते हैं। वैसे तो यह बीमारी बच्चों को होती है लेकिन कुछ वयस्कों को भी यह बीमारी परेशान कर सकती है। उन्हें यह बीमारी स्कूल में क्लासरूम में महसूस हुआ करती थी, जहां वे खुद को हमेशा बाकियों से अलग पाती थी। यह एक प्रकार की साइकोलॉजिकल बीमारी है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
क्या है ADHD?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह एक कॉमन दिमागी बीमारी है जो बच्चों में ज्यादा पाई जाती हैं लेकिन कुछ मामलों में बड़े लोग भी इसके शिकार हो जाते हैं। साइंटिस्टों द्वारा की गई रिसर्च में इस बीमारी को न्यूरो फंक्शन से जोड़ा है।
कैसे होते हैं ऐसे लोग?
ये उन लोगों को प्रभावित करती हैं, जो अपने इमोशन्स पर काबू नहीं कर पाते। इन लोगों की हंसी-खुशी और हरकतें भी अलग होती है। ये लोग बाहर लोगों के भी अपने बिहेवियर, हरकतें, अपने मूड को, अपनी चीजों को और इमोशन्स को बिल्कुल मैनेज नहीं कर पाते हैं।
ये भी पढ़ें: हार्टअटैक के बढ़ते केसों में भारतीय युवा क्यों? स्पेशलिस्ट ने गिनाए कारण, ऐसे करें बचाव
ADHD के शुरुआती संकेत
- काम में ध्यान न लगाना।
- किसी की बातों को ध्यान से न सुनना।
- फोकस की कमी।
- अपनी चीजों को लेकर हमेशा उलझनों में रहना।
- काम करने से बचना।
- चीजों को भूलना।
कैसे होती है यह बीमारी?
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि हमारे दिमाग का जो फ्रंटल लोब (Frontal Lobe) होता है, वो सोचने-समझने, डिसीजन लेने का काम करता है। इसकी फंक्शनिंग में समस्या होने से यह बीमारी होती है, ये लोग उम्र में बड़े हो जाते हैं लेकिन इनका दिमाग पूरी तरह मैच्योर नहीं हो पाता है।
इस बीमारी का एक कारण जेनेटिक्स भी है, जिसमें यह एक पारिवारिक बीमारी बन जाती है।
इस बीमारी का एक कारण ब्रेन डेवलपमेंट भी है, यदि गर्भावस्था के दौरान शिशु के दिमाग की संरचना में कोई गड़बड़ी हुई है तो भी यह बीमारी हो सकती है।
पर्यावरण के कारण भी ऐसा हो सकता है, कुछ महिलाएं गर्भावस्था में स्मोकिंग या शराब पीती है, जिसका असर पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है।
इस बीमारी से बचाव के उपाय
- लाइफस्टाइल में पॉजिटिव बदलाव करना।
- अच्छा आहार खाएं।
- माता-पिता का सहारा लें।
- ग्रुप्स में रहने की कोशिश करें ताकि आप अकेलेपन से बाहर आसानी से निकल पाए।
- जरूरत पड़ने पर दवाओं तथा मेडिकल हेल्प लें।
ये भी पढ़ें- Weight Loss: चिया सीड्स, सब्जा और तुलसी के बीज में कौन सा ज्यादा असरदार?
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें।News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।