Panchayat 3 Best Dialogue: ओटीटी पर भई तीसरी बार ‘पंचायत’ लगी है, तो कुछ तो खास होना बनता है ना। जी हां, दर्शकों को जिस पल का इंतजार था वो खत्म हो गया है और 28 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर पंचायत का तीसरा सीजन आ गया है। जी हां, जैसे ही इसने ओटीटी पर दस्तक दी, वैसे ही लोगों ने इसे देखना शुरू कर दिया। हालांकि, अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो यही सोच रहे हैं कि पंचायत के तीसरे सीजन को देखें या नहीं, तो भई हम आपको इस सीरीज के वो बेस्ट डायलॉग्स बता रहे हैं, जिनके लिए आप इस सीरीज को देख सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि वो कौन-कौन-से डायलॉग्स हैं?
ये हैं ‘पंचायत 3’ के बेस्ट डायलॉग्स
- प्रधान बनने के बाद सबसे पहले बैठकी बंद करवाएंगे।
- देख रहा है बिनोद, प्रधान जी गुस्सा दिखा रहे हैं।
- सचिव जी पंचायत का चुनाव माथा पर है..
तो मैं क्या करूं प्रधान जी, अच्छा भला इस्तीफा दे रहा था, फिर वापस आ गया इस गांव में… - शाम को 7 बजे चल सकते हैं, मैं फ्री भी हो जाऊंगा और थोड़ा अंधेरा भी हो जाएगा..
अंधेरे में जाकर क्या करेंगे? - वो एमएलए करना चाह रहा है शांति समझौता, तो करने देते हैं उसे शांति समझौता..
हां, कबूतर भी तो उड़ना है..
इन डायलॉग्स के लिए देख सकते हैं सीरीज
ये पांचों डायलॉग्स हैं, जो अपने-आप में बहुत कुछ कहते हैं और इन्हें सुनकर तो ऐसा लगता है, जैसे आत्मा ही तृप्त हो गई हो। हालांकि कुछ लोगों के मन में ये भी सवाल है कि सीरीज का तीसरा सीजन है, तो भला कैसे इसमें कुछ खास हो सकता है, तो भई जाकर पहले सीरीज देखो, सुनी-सुनाई बातों पर भरोसा करने से बेहतर है कि सीरीज देखकर खुद ही फैसला कर लिया जाए। हालांकि अगर इस सीरीज के दूसरे और पहले सीजन के बेस्ट डायलॉग्स की बात करें, तो भई वो भी बहुत ही गजब हैं। आइए आपको उनके बारे में भी बताते हैं…
दूसरे सीजन के डायलॉग्स
- आप लोगों के लिए ऑफिस है, मेरे लिए तो घर है।
- ये मामूली कागज नहीं हैं, मरे हुए लोगों का है, कभी भी जिंदा हो जाएंगे।
- जब शादी होगी, बच्चा होगा और ये 20 हजार में घर चलना होगा ना तब आप भी शराबी बन जाएंगे।
- एक नंबर का बनराकस आदमी है, आप उसकी बात का ज्यादा वैल्यू मत दीजिए।
- सच पूछे तो आप बकवास कर तो रहे हैं।
पहले सीजन के डायलॉग्स
- मिस्त्री कहां है…और ये इंडिकेटर कैसे टूट गया?
सर पहले क्या बताएं, मिस्त्री कहां है कि इंडिकेटर कैसे टूट गया? - ये विकास के चाचा का खेत था। बेचारे यही बेच के बेटी का दहेज दिए थे… और हम ही खरीद लिए थे।
- प्रहलाद जी, उनको पता चल जाएगा कि चार मिठाई था, और एक कोई उठा लिया।
कैसे पता चलेगा?
गेस्ट को तीन पीस मिठाई थोड़ी देते हैं? हां तो चार देते हैं या तो दो देते हैं। - ऐसा नहीं है कि घर में शौचालय नहीं है, लेकिन खेती की तरफ जाते हैं, तो घूमने का घूमना हो जाता है, और पेट साफ हो जाता है।
- अच्छा सुनो, अंदर मामला थोड़ा तमतमाया हुआ है, सोच-समझ कर मुंह खोलिएगा। एक काम करिए, आप मुंह खोलिए ही मत।
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