नीतू कुमार: 40 के दशक से लेकर 60 के दशक तक, हिंदी सिनेमा पर राज करने वालीं एक्ट्रेस नलिनी जयवंत (Nalini Jaywant) का आज 95वां जन्मदिवस है। नलिनी का जन्म 18 फरवरी, 1926 को मुंबई में हुआ था।
नलिनी रिश्ते में बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल की नानी शोभना समर्थ की चचेरी बहन थी। नलिनी अपने जमाने की सुपरहिट एक्ट्रेस में से एक थी। इनकी अदाओं और खूबसूरती का हर कोई दिवाना था।
खूबसूरती में मधुबाला को देती थी टक्कर
ये एक ऐसी एक्ट्रेस थी, जिसने मधुबाला की खूबसूरती को भी टक्कर दी थी। नलिनी ने फिल्मों में बतौर चाइल्ड एक्टर से डेब्यू किया था और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उस समय के सुपरहिट हीरो दिलीप कुमार, अशोक कुमार से लेकर देव आनंद तक उनके साथ काम करने की ख्वाहिश रखते थे। नलिनी जयवंत ने साल 1941 में महबूब खान की फिल्म ‘बहन’ से बतौर एक्ट्रेस फिल्मी दुनिया में कदम रखा था।
सुपरहिट फिल्मों में दिखाया है जलवा
अशोक कुमार के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था, दोनों ने साथ में कई फिल्में कि जिसमें ‘समाधि’ और ‘संग्राम’ जैसी फिल्में शामिल हैं।
इन फिल्मों से नलिनी को काफी पॉपुलरिटी मिली। इसके बाद उन्होंने ‘जलपरी’, ‘सलोनी’, ‘काफिला’, ‘शेरू’ और ‘मिस्टर एक्स’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में अपना जलवा दिखाया। 1952 में फिल्मफेयर मैग्जीन ने एक ब्यूटी पोल किया था, जिसमें नलिनी ने एक्ट्रेस मधुबाला को सुंदरता में मात दी और पहले नंबर पर अपना कब्जा जमाया।
निजी जिंदगी में व्यस्त हुई नलिनी
वहीं नलिनी ने कई सालों तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया, लेकिन उनके जीवन में भी बुरे वक्त ने दस्तक दी। धीरे-धीरे उन्हें काम मिलना बंद हो गया। साल 1965 में ‘बॉम्बे रेस कोर्स’ फिल्म से उन्होंने वापसी की, लेकिन यह फिल्म फ्लॉप हो गई। जिसके बाद नलिनी ने फिल्मों से संन्यास ले लिया और अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त हो गईं।
नलिनी ने की दो शादियां
बता दें कि नलिनी ने दो शादियां की थीं। उन्होनें पहली शादी 1945 में डायरेक्टर वीरेंद्र देसाई से की थी, लेकिन 3 साल बाद इनका तलाक हो गया था। जिसके बाद उन्होनें 1960 में दूसरी शादी एक्टर प्रभु दयाल से की थी।
प्रभु दयाल के साथ नलिनी ने कई फिल्मों में भी काम किया था, हालांकि, प्रभु की 2001 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद नलिनी काफी अकेली हो गई।
दुनिया में की खूब तरक्की
एक वक्त था, जब नलिनी सफलता के शिखर पर थी, लेकिन आखिरी समय में नलिनी को गुमनामी के साथ जीवन जीना पड़ा।
नलिनी जयवंत ने फिल्मी दुनिया भले ही खूब तरक्की की हो, लेकिन उनकी असल जिंदगी में वो काफी अकेली और परेशान रही। यहां तक कि उनके आखरी समय में भी कोई उनके साथ नहीं था। उनकी जब मौत हुई, तब किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी।
संदिग्ध हालात में हुई थी नलिनी की मौत
कई दिनों तक उनकी लाश कमरे में पड़ी रही। नलिनी के परिवार वालों ने भी खुद उनका साथ छोड़ दिया था। ये 20 दिसंबर 2010 की बात है, जब नलिनी ने इस दुनिया को आखिरी सलाम कह दिया था।
नलिनी की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी। कहा जाता है कि उनकी मौत के 3 दिन बाद लोगों को इस बारे में पता चला था। वहीं एक अनजान शख्स नलिनी के पार्थिव शरीर को एंम्बुलेंस में रखकर ले गया था उनके परिवार वाले भी उनके मौत पर नहीं आए।
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