777 Charlie: रक्षित शेट्टी की फिल्म ‘777 चार्ली’ 3 साल पहले आज ही के दिन रिलीज हुई थी। कन्नड़ की एडवेंचर ड्रामा फिल्म अगर आपने अभी तक नहीं देखी, तो आप कुछ बड़ा मिस कर रहे हैं। एक लैब्राडोर ने खडूस आदमी को ना सिर्फ जीना सिखाया, बल्कि उसकी पूरी जिंदगी ही बदल दी। अगर आप डॉग लवर हैं तो आपको ये मूवी जरूर देखनी चाहिए और अगर आपको कुत्ते पसंद नहीं हैं, तो ये फिल्म देखने के बाद आपको कुत्तों से प्यार हो जाएगा। चलिए जानते हैं इस इमोशनल कहानी में क्या-क्या दिखाया गया है?
बचपन के सदमे से कुत्ते ने निकाला बाहर
फिल्म 777 चार्ली’ में दिखाया गया है कि एक धर्मा नाम का आदमी होता है, जो ना किसी से बात करता है और ना ही किसी से कोई मतलब रखता है। वो बस उठता है एक दुकान से इडली लेता है, उसे खाता है और काम पर पहुंच जाता है। धर्मा ना तो काम से छुट्टी लेता है और ना ही कभी घर जल्दी जाता है। उसके आसपास के लोग उससे डरते हैं और वो अपनी जिंदगी कचरे के डब्बे जैसे घर में काट रहा होता है। दरअसल, बचपन में ही धर्मा ने अपने परिवार को एक एक्सीडेंट में खो दिया था। इसके सदमे से वो कभी बाहर ही नहीं आ पाया।
कुत्ते की जान बचाकर धर्मा की बदली किस्मत
वहीं, दूसरी तरफ एक कुत्ता होता है, जो खाने के लिए इधर-उधर भटक रहा होता है। कई दिनों से वो धर्मा का फेंका हुआ खाना खाकर जिंदा होता है और एक दिन धर्मा के घर के पास उस कुत्ते का बाइक से एक्सीडेंट हो जाता है। बाइक वाले को मोहल्ले वाले कुछ भी नहीं कहते और उल्टा कुत्ते को दोषी ठहराने लगते हैं। ये सब इग्नोर करके धर्मा अपने घर जा रहा होता है, लेकिन उसका मन उस कुत्ते में अटक जाता है। दरअसल, धर्मा चार्ली चैप्लिन का फैन होता है और वो कुत्तों को लेकर जो कुछ कहते हैं, वो सब सुनकर धर्मा भी कुत्ते की जान बचाने निकल पड़ता है।
शरारतों के बीच हुई चार्ली और धर्मा की बॉन्डिंग
धर्मा कुत्ते को डॉक्टर के पास लेकर जाता और उसका इलाज करवाता है। कुत्ता इंजेक्शन देखते ही घबरा जाता है और इलाज के बाद डॉक्टर कुत्ते को धर्मा के साथ वापस जाने को कहते हैं, तो धर्मा उसे अपने साथ वापस लेकर जाने के लिए राजी नहीं होता। ऐसे में डॉक्टर उसे समझाते हैं कि कुछ दिन में वो कुत्ते को अडॉप्ट करवा देंगे। इस दौरान वो कुत्ता अपनी शरारतों से धर्मा की नाक में दम कर देता है, धर्मा उसे अपनी सोसाइटी में छुपाकर रखने की पूरी कोशिश करता है, क्योंकि सोसाइटी में कुत्ते अलाउड नहीं हैं। हालांकि, एक दिन धर्मा का राज सबके सामने खुल जाता है। ये बात अलग है कि उसके गुस्से के सामने कोई भी कुछ बोल नहीं पाता। देखते ही देखते धर्मा और कुत्ते के बीच बॉन्डिंग हो जाती है।
चार्ली को हुआ कैंसर
एक दिन धर्मा बेहोश होता है तो वो कुत्ता ही धर्मा की जान बचाता है। वो एम्बुलेंस के पीछे दौड़ता हुआ ना सिर्फ हॉस्पिटल बल्कि धर्मा तक पहुंच जाता है। ये देखकर धर्मा का भी दिल पिघल जाता है। अब ये दोनों क्लोज आए ही थे कि इतने में कोई इस कुत्ते को अडॉप्ट कर लेता है। धर्मा की जिंदगी एक बार फिर सुनी हो जाती है। हालांकि, एक दिन धर्मा जब अपने कुत्ते से मिलने जाता है तो एक बेहद इमोशनल मोमेंट आता है। कुत्ता कूदते हुए धर्मा को गले लगा लेता है और जिंदगी में पहली बार धर्मा हंसता है। यहां से उसकी लाइफ में पॉजिटिव बदलाव आते हैं, तभी एक दिन पता चलता है कि कुत्ते को कैंसर है। एक बार फिर धर्मा की जिंदगी तबाह हो जाती है।
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खूबसूरत जर्नी के बाद चार्ली ने तोड़ा दम
धर्मा ने अपने कुत्ते का नाम चार्ली रखा है और वो अब चार्ली की हर ख्वाहिश पूरी करता है। वो उसे स्नो दिखाने के लिए काम और घर छोड़कर बाइक लेकर निकल पड़ता है। कभी उसके पैसे खत्म हो जाते हैं तो कभी पेट्रोल। एक वक्त ऐसा भी आता है, जब धर्मा के पास न खाने के लिए पैसे होते हैं और न सिर के ऊपर छत। वो अपनी बाइक भी बेच देता है। हालांकि, इस सफर में कई खूबसूरत पल भी आते हैं, जब धर्मा और चार्ली का प्यार देख आपकी आंखें भर आएंगी। आखिर में अपने कन्धों पर चार्ली को बिठाकर छुपते-छुपाते धर्मा उसे स्नो दिखाने निकल पड़ता है और दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। हालांकि, आखिर में चार्ली मर जाती है और धर्मा के साथ-साथ फैंस का भी दिल टूट जाता है।